
बिहार के सारण में बना रेल इंजन खींचेगा अफ्रीका की रेलगाड़ी, जानिए क्या है खासियत
क्या है खबर?
बिहार का सारण अब अफ्रीका को रेल इंजन और कोच आपूर्ति करने जा रहा है। 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत रेल इंजनों और कोच को निर्यात किया जा रहा है।
रेल मंत्रालय विश्वस्तरीय सुविधा वाले 150 रेल कोच को अफ्रीका के गिनी गणराज्य को आपूर्ति करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इसको हरी झंडी भी दिखा दी है।
बताया जा रहा है कि मंत्रालय अगले 3 साल में अफ्रीका को कई उन्नत इंजन आपूर्ति करेगा।
मेक इन इंडिया
कारखाने से मिलेंगे 10 साल में 5,500 इंजन
आजतक ने वेबटेक कंपनी के हवाले से बताया कि इंजन मढ़ौरा रेल कारखाने में वेबटेक और भारतीय रेलवे के सहयोग से बनाया जा रहा है।
अमेरिका स्थित वैश्विक लोकोमोटिव निर्माण कंपनी के अधिकारी ने बताया कि कारखाने को सरकार के साथ समझौता ज्ञापन के तहत 2015 में शुरू किया गया था।
उन्होंने बताया कि 10 सालों में रेलवे के 4,500 इंजन और 1,000 मालवाहक इंजन (6,000 HP) का निर्माण होगा।
कंपनी अभी 700 से अधिक लोकोमोटिव वितरित कर चुकी है।
खासियत
गिनी ने दिए 150 इंजन के ऑर्डर, क्या है खासियत?
रेलवे बोर्ड में सूचना और प्रचार के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि पहले यहां सिर्फ रेलवे के लिए लोकमोटिव बनते थे, लेकिन अब ऑर्डर मिल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि गिनी ने इंजन का ऑर्डर दिया है, अगले 3 वर्षों में गिनी गणराज्य को उनके लौह अयस्क खदान के लिए 150 लोकोमोटिव भेजे जाने हैं।
कंपनी ने उनके देश के वातावरण और जलवायु के अनुकूल लोको पायलटों के लिए फ्रिज और माइक्रोवेव ओवन वाले वातानुकूलित केबिन बनाए हैं।
ट्विटर पोस्ट
गिनी को भेजा जाएगा रेल इंजन
#WATCH बिहार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहले लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाएंगे, जिसे मढ़ौरा में लोकोमोटिव फैक्ट्री से गिनी गणराज्य को निर्यात किया जाएगा। pic.twitter.com/Ybya0VEOg3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 19, 2025