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पश्चिम बंगाल में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष TMC में जा रहे हैं? जानिए सच
पश्चिम बंगाल में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष की TMC में जाने को लेकर चर्चा

पश्चिम बंगाल में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष TMC में जा रहे हैं? जानिए सच

लेखन गजेंद्र
Jun 02, 2025
04:31 pm

क्या है खबर?

पश्चिम बंगाल में भाजपा को फर्श से अर्श पर पहुंचाने वाले पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष, इस समय पार्टी में हाशिये पर हैं। उनको प्रमुख बैठकों और सभाओं में नजरअंदाज किया जा रहा है। पिछले दिनों घोष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में नजर नहीं आए। उसके बाद उन्हें अमित शाह की बैठक में भी नहीं बुलाया गया। इस बीच चर्चा है कि उनकी तृणमूल कांग्रेस (TMC) की प्रमुख ममता बनर्जी से बातचीत चल रही है। आइए, जानते हैं मामला।

नजरअंदाज

एक सप्ताह में 2 बार पार्टी के प्रमुख कार्यक्रम से नदारद

इसे संयोग नहीं कहा जा सकता कि घोष एक सप्ताह में लगातार 2 बार भाजपा के प्रमुख कार्यक्रम में न आ पाए हों। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री शाह के नेतृत्व में भाजपा की संगठनात्मक बैठक में घोष अनुपस्थित थे। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि उन्हें बैठक में नहीं बुलाया गया था। इससे पहले 29 मई को उत्तरी पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा थी, उसमें भी घोष अनुपस्थित थे।

मुलाकात

ममता बनर्जी से मुलाकात बनी चर्चा

शाह की बैठक में घोष के न बुलाए जाने का कारण सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। कहा जा रहा है कि हाल में दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन के बाद घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। कई भाजपा नेताओं ने उन पर TMC के साथ नजदीकी बढ़ाने और पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। यही मुलाकात, पार्टी हाईकमान को चुभ रही है।

सफाई

घोष ने अपनी सफाई में क्या कहा?

घोष ने इंडिया टुडे को शाह की बैठक में न बुलाए जाने को लेकर कहा कि उनको बुलाया नहीं गया था और कई अन्य पूर्व भाजपा अध्यक्षों को भी नहीं बुलाया गया। उन्होंने बताया कि बैठक में न बुलाए जाने का कारण नहीं पता। हालांकि, उन्होंने बैठक में पार्टी के निर्णय का पालन करने की बात कही। उन्होंने अलीपुरद्वार कार्यक्रम में न बुलाए जाने की भी पुष्टि कर कहाकि पार्टी के प्रति उनकी वफादारी पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।

पहचान

कौन हैं दिलीप घोष?

मेदिनीपुर में 1964 को जन्में दिलीप घोष शुरूआत में RSS से जुड़े रहे और 1999 से 2007 तक अंडमान और निकोबार के RSS प्रभारी रहे। वे 2014 में भाजपा में शामिल हुए, जिसके बाद 2015 में अध्यक्ष बनाया गया। जब वे भाजपा अध्यक्ष बने तब बंगाल में भाजपा अच्छे दौर में थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 42 में 18 सीटें जीती थीं और घोष भी मेदिनीपुर से जीते थे। हालांकि, 2024 में बर्धमान-दुर्गापुर से चुनाव हार गए।

जानकारी

शादी और सौतेले बेटे की मौत से चर्चा में रहे थे

पिछले दिनों 60 वर्षीय घोष पार्टी की 50 वर्षीय कार्यकर्ता रिंकू मजूमदार के साथ विवाह को लेकर चर्चा में थे। यह रिंकू की दूसरी, लेकिन घोष की पहली शादी थी। विवाद के बाद रिंकू के 27 वर्षीय बेटे की संदिग्ध अवस्था में मौत हुई थी।