#NewsBytesExplainer: मोदी मंत्रिमंडल में बदलाव की अटकलें; किसकी जा सकती है कुर्सी, कौन बनेगा मंत्री?
क्या है खबर?
खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जल्द ही बदलाव हो सकते हैं।
इस साल होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव, फिर अगले साल के लोकसभा चुनाव और 20 जुलाई से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरों को जगह मिल सकती है और कुछ की छुट्टी हो सकती है।
समझते हैं क्या संभावित बदलाव हो सकते हैं।
वजह
क्यों हो रही है मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चा?
दरअसल, 29 जून को प्रधानमंत्री आवास में मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष के बीच 4 घंटे तक बैठक हुई थी। इसके बाद से ही कैबिनेट विस्तार की अटकलें लग रही हैं।
कल प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक भी बुलाई है। एक के बाद एक लगातार इन 2 घटनाओं ने मंत्रिमंडल में बदलाव के कयासों को हवा दी है।
संगठन
संगठन में भेजे जा सकते हैं मंत्री
खबर है कि खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को संगठन में भेजा जा सकता है। गोयल हाल ही में कई बार राजस्थान का दौरा कर अशोक गहलोत सरकार पर सवाल उठा चुके हैं। चर्चा है कि उन्हें राजस्थान का प्रभारी बनाया जा सकता है।
वहीं प्रधान को उत्तर प्रदेश की कमान दी जा सकती है। वे 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी प्रभारी थे।
गुजरात
गुजरात कोटे से हो सकते हैं बदलाव
पिछले मंत्रिमंडल विस्तार का विश्लेषण करें तो ये बात सामने आती है कि जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, उन राज्य को तरजीह दी जाती है, जबकि चुनाव हो चुके राज्यों से मंत्रियों की संख्या कम होती है।
गुजरात से वर्तमान में मोदी, शाह, मनसुख मांडविया, देवूसिंह चौहाण, महेन्द्र मुंजपरा, दर्शना जरदोस और पुरषोत्तम रूपाला मंत्री हैं। इनमें से मांडविया, रूपाला और जरदोश की कुर्सी जा सकती है। पिछले 9 साल में 2 स्वास्थ्य मंत्री हटाए जा चुके हैं।
चुनाव
चुनावी राज्यों में हो सकते हैं अहम बदलाव
मोदी मंत्रिमंडल में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को तवज्जो मिल सकती है क्योंकि इन तीनों राज्यों में इसी साल विधानसभा चुनाव है।
इन तीनों राज्यों में भाजपा के 62 सांसद और 10 कैबिनेट मंत्री हैं। इनमें से कुछ की छुट्टी हो सकती है।
मध्य प्रदेश से 3 और राजस्थान-छत्तीसगढ़ से 2-2 नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। मध्य प्रदेश से सुमेर सोलंकी, रीती पाठक और राकेश सिंह के नाम आगे चल रहे हैं।
कर्नाटक
महाराष्ट्र-कर्नाटक कोटे से भी हो सकते हैं बदलाव
महाराष्ट्र से वर्तमान में 8 मंत्री हैं और एकनाथ शिंदे गुट ने 3 मंत्री पदों की मांग की है। इस प्रस्ताव को मानने के लिए भाजपा को अपने मंत्रियों को बाहर करना होगा।
यहां से भारती पवार, राव साहेब दानवे और नारायण राणे की कुर्सी जा सकती है, जबकि शिंदे गुट से राहुल सेवाले और कृपाल तुमाने को मौका मिल सकता है।
कर्नाटक के 6 में से 2 मंत्रियों को हटाने और 1 को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की चर्चा है।
मुस्लिम
मुस्लिम चेहरे को मिल सकती है जगह
प्रधानमंत्री मोदी कई बार अपने भाषणों में पसमांदा मुसलमानों की बात कर चुके हैं। वर्तमान मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं है।
अल्पसंख्यक मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार स्मृति ईरानी संभाल रही हैं। इस आधार पर चर्चा है कि एक मुस्लिम चेहरे को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
पूर्व नौकरशाहों को भी मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की चर्चा है। पहले भी मोदी सरकार एस जयशंकर, अश्विनी वैष्णव, हरदीप सिंह पुरी को मंत्री बना चुकी है।
संख्या
सरकार में कितने मंत्री बनाए जा सकते हैं?
नियम के मुताबिक, प्रधानमंत्री को मिलाकर सरकार में कुल 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में 78 मंत्री शामिल हैं और सिर्फ 3 पद खाली हैं।
जुलाई, 2021 में हुए बदलाव में रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावेड़कर समेत 12 मंत्रियों को हटा दिया गया था।
हाल ही में किरेन रिजूज से कानून मंत्रालय छीनकर अर्जुन राम मेघवाल को ये जिम्मा दिया गया था। रिजिजू को भू-विज्ञान मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।