किरेन रिजिजू से छीना गया कानून मंत्रालय, अर्जुन राम मेघवाल संभालेंगे जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार की कैबिनेट में बड़ा बदलाव हुआ है। अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय छीन लिया गया है। रिजिजू को भू-विज्ञान मंत्री की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। रिजिजू से छीन कर कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी अर्जुन राम मेघवाल को दी गई है। मेघवाल अपने मौजूदा प्रभारों के अलावा राज्य मंत्री के तौर पर कानून और न्याय मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभालेंगे।
कौन हैं रिजिजू?
19 नवंबर, 1981 को जन्मे रिजिजू अरुणाचल पश्चिम सीट से लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है। पहली बार 2004 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने जीत दर्ज की थी। हालांकि, 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2014 में जीत के बाद वे गृह राज्य मंत्री बनाए गए थे। 2019 में उन्होंने खेल मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला था। रिजिजू ने 8 जुलाई, 2021 को कानून मंत्रालय का जिम्मा संभाला था।
कॉलेजियम और जजों पर टिप्पणी से चर्चा में थे रिजिजू
रिजिजू कॉलेजियम सिस्टम और जजों को लेकर टिप्पणी से चर्चा में रहे हैं। इसे लेकर कई बार न्यायपालिका और मंत्रालय में सीधा टकराव भी देखने को मिला। उन्होंने कॉलेजियम सिस्टम को लेकर कहा था कि यह एक 'एलियन सिस्टम है', देश में कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता है और सभी लोग संविधान के हिसाब से काम करते हैं। उन्होंने सेवानिवृत्त जजों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि कुछ जज भारत विरोधी समूह का हिस्सा बन गए हैं।
कौन हैं अर्जुन राम मेघवाल?
20 दिसंबर, 1953 को राजस्थान के बीकानेर में जन्मे मेघवाल 2009 से इसी सीट से सांसद हैं। मेघवाल ने कानून की पढ़ाई के साथ ही फिलीपींस विश्वविद्यालय से MBA भी कर रखा है। वे राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी रहे हैं। 8 जून, 2021 से वे केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं। साल 2013 में वे सर्वश्रेष्ठ सांसद चुने गए थे।
फैसले पर विपक्ष ने साधा निशाना
केंद्र सरकार के इस फैसले पर कई विपक्षी नेताओं ने निशाना साधा है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, "किरेन रिजिजू कानून नहीं, अब भू-विज्ञान मंत्री हैं। कानूनों के पीछे के विज्ञान को समझना आसान नहीं है। वे अब विज्ञान के नियमों से जूझने की कोशिश करेंगे।" कांग्रेस की नेता अलका लांबा ने कहा कि सरकार ने अपनी छवि बचाने के लिए अपने क़ानून मंत्री की बलि देकर अच्छा किया।
प्रधानमंत्री ने दिए थे बदलाव के संकेत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में बदलाव के संकेत दिए थे। मेघवाल की नियुक्ति को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि प्रदर्शन की समीक्षा के आधार पर कई और मंत्रियों के विभागों में फेरबदल हो सकता है। कैबिनेट में नए चेहरों को जगह मिलने के भी संकेत हैं।