महाराष्ट्र: पूर्व सांसद ने दी चेतावनी, कहा- ऐसा चलता रहा तो उद्धव ठाकरे दे देंगे इस्तीफा
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेसी और NCP के गठबंधन से बनी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
गत दिनों हुए मंत्रीमंडल के विस्तार के बाद से ही तीनों पार्टियों के नेताओं में खींचतान और मनमुटाव चल रहा है। इसको लेकर कांग्रेस के पूर्व सांसद यशवंतराव गडाख पाटिल ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि यदि मंत्री बंगलों और विभागों के लिए ऐसे ही लड़ते रहे तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
चेतावनी
गडाख ने दी बेहतर व्यवहार करने की सलाह
गडाख ने कांग्रेस और NCP नेताओं से कहा है कि मंत्रीमंडल के विस्तार के बाद से दोनों ही पार्टियों के नेताओं का मनमुटाव सरकार के काम में बाधा डाल रहा है।
ऐसे में दोनों पार्टियों के नेताओं को अपने मुख्यमंत्री के प्रति बेहतर व्यवहार करना चाहिए। इसके बाद ही वह प्रदेश को एक बेहतर नेतृत्व दे सकेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे "एक नियमित राजनीतिज्ञ नहीं हैं" और "उनके पास एक कलाकार वाली मानसिकता है।
पद की भूख
मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर उपजा था विवाद
महाराष्ट्र में गत 30 दिसंबर को मंत्रीमंडल का विस्तार किया गया था। विस्तार से पहले कांग्रेस को 12 मंत्री पद दिए जाने पर सहमति हुई थी, लेकिन विस्तार के दौरान 10 ही नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
उसके बाद से ही कांग्रेस और NCP नेताओं के बीच मनमुटाव शुरू हो गया था। कुछ नेताओं ने तो मंत्री पद मिलने के बाद भी मनपसंद विभाग नहीं मिलने को लेकर आपत्ति जताई थी।
इस्तीफा
विस्तार के बाद शिवसेना नेता ने दे दिया था इस्तीफा
मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर तीनों ही पार्टियों के नेताओं में इतनी नाराजगी रही थी कि विस्तार के अगले ही दिन शिवसेना नेता अब्दुल सत्तार ने मंत्री पद नहीं मिलने को लेकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि, बाद में समझाने पर उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया था।
इसी प्रकार NCP नेता प्रकाश सोलंकी ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी। हालांकि, सोलंकी ने इस्तीफे के पीछे मंत्री पद नहीं मिलने का कारण नहीं बताया था।
तोड़फोड़
कांग्रेस विधायक के समर्थकों ने मचाया था उपद्रव
मंत्रीमंडल विस्तार में मंत्री पद नहीं मिलने को लेकर कांग्रेस नेता संग्राम थोपटे ने भी नाराजगी जताई थी। उनकी नाराजगी का उनके समर्थकों पर गहरा असर हुआ था।
इसको लेकर समर्थकों ने पुणे स्थित कांग्रेस पार्टी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ कर दी थी। थोपटे और उनके समर्थकों ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले भी प्रदर्शन किया था।
सोलापुर में प्रणीति शिंदे के समर्थकों ने सोनिया गांधी को खून से लिखी चिट्ठी भेजकर प्रणीति को मंत्री बनाने की मांग की थी।
पृष्ठभूमि
शिवसेना-कांग्रेस-NCP गठबंधन से बनी थी सरकार
महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बाद 28 नवंबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिवसेना-कांग्रेस-NCP गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री तौर पर शपथ ली थी।
उसके बाद से ही मंत्रीमंडल विस्तार पर मंथन शुरू हो गया था। 30 दिसंबर को हुए विस्तार में कुल 36 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इसमें 26 कैबिनेट व 10 राज्यमंत्री थे।
विस्तार में NCP से 14, कांग्रेस से 10 और शिवसेना से 9 मंत्रियों ने शपथ ली थी।