NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / राजनीति की खबरें / #NewsBytesExplainer: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का इतिहास और क्या है इसका कारण? 
    अगली खबर
    #NewsBytesExplainer: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का इतिहास और क्या है इसका कारण? 
    पश्चिम बंगाल में पिछले कई सालों से पंचायत चुनावों में हिंसा होती रही है

    #NewsBytesExplainer: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का इतिहास और क्या है इसका कारण? 

    लेखन नवीन
    Jun 19, 2023
    08:16 pm

    क्या है खबर?

    पश्चिम बंगाल में अगले महीने पंचायत चुनाव होने हैं और इससे पहले राज्य में हिंसक घटनाओं का दौर जारी है।

    यहां 9 जून को नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद कई जिलों से हिंसा की खबरें आई हैं, जिनमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं सहित 6 लोग मारे गए हैं।

    पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान इतनी हिंसक घटनाएं क्यों होती है, आइए इसके पीछे के कारणों पर विस्तार से नजर डालते हैं।

    हिंसा

    पिछले चुनाव में हुई थी हिंसा

    पश्चिम बंगाल में 2013 और 2018 के पंचायत चुनाव में भी हिंसा देखने को मिली थी। 2018 में हुई हिंसा में 13 लोग मारे गए थे और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

    उस वक्त विपक्ष ने आरोप लगाया था कि TMC के लोगों ने ज्यादातर विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र ही दाखिल नहीं करने दिया।

    हालांकि, TMC के सत्ता पर काबिज होने से पहले भी राज्य में पंचायत चुनावों में हिंसा होती रही है।

    वाम

    वाम शासन के दौरान भी हुई थी हिंसा

    राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसक घटनाएं TMC के शासनकाल के दौरान शुरू नहीं हुई, बल्कि यहां वाम शासन के दौरान भी हिंसक घटनाएं हुई थीं।

    2003 के पंचायत चुनाव में यहां लगभग 70 लोग मारे गए थे, जबकि 2008 में यह आंकड़ा 36 था। उस वक्त यहां वाम शासन था और हिंसा के दौरान यहां सुरक्षाकर्मियों को भी नहीं बख्शा गया।

    ममता बनर्जी साल 2011 में पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज हुई थीं।

    व्यवस्था

    पश्चिम बंगाल में 1978 में हुए था पहला चुनाव 

    1977 में सत्ता में आने के बाद वाम सरकार ने पंचायत अधिनियम, 1973 के प्रावधानों के तहत राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था लागू की थी। इसमें ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद शामिल है।

    1978 में पहली बार राज्य में पंचायत चुनाव कराए गए थे और तब पश्चिम बंगाल ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना था।

    हालांकि, पहला पंचायत चुनाव करवाने वाला राज्य अब चुनाव में होने वाली हिंसक घटनाओं के लिए जाना जाता है।

    कारण

    क्यों होती है चुनाव के दौरान हिंसा? 

    पश्चिम बंगाल में 34 साल तक लगातार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPM) का शासन रहा। उसके शासन के दौरान हिंसा चुनाव जीतने का हथियार बन गई थी, जिसके कारण पार्टी ने लंबे समय तक सत्ता पर राज किया।

    ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि हिंसा परंपरागत रूप से राज्य की राजनीतिक संस्कृति का पर्याय रही है और यह TMC शासन के दौरान भी विरासत के तौर पर जारी है।

    हालांकि, हालिया सालों में इसकी रूपरेखा बदल गई है।

    संस्कृति

    वाम शासन के दौरान दमन से बढ़ा आक्रोश

    पश्चिम बंगाल में CPM के शासन के दौरान जिसने भी सरकार का विरोध किया और उसका साथ नहीं दिया, उसे अक्सर सरकार के प्रतिशोध का सामना करना पड़ा। लोग पुलिस में शिकायत तक नहीं दर्ज करा पाते थे।

    इसके अलावा वाम शासन के दौरान यहां बौद्धिक और अभिजात्य वर्ग से आने वाले लोग सत्ता पर काबिज थे, जिससे गरीब तबके के लोगों में असंतोष और हिंसा बढ़ी।

    इसका ही नतीजा है कि यहां चुनाव में लगातार हिंसा होती रही है।

    राजनीति हिंसा

    1990 के दशक में तेज हुई राजनीतिक हिंसा 

    पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का 'खेल' 1990 के दशक में तेज हुआ, जिसमें सत्तारूढ़ CPM और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच लगातार झड़पें हुईं।

    जुलाई, 1993 में युवा कांग्रेस के मार्च के दौरान पुलिस फायरिंग में ममता बनर्जी घायल हो गई थीं। उस वक्त हुई हिंसा में 14 लोगों की मौत हो गई थी।

    उन्होंने साल 1998 में कांग्रेस से अलग होकर TMC का गठन किया और इसके बाद TMC और CPM के बीच संघर्ष शुरू हो गया।

    हिंसा

    राज्य में 2000 से 2011 के बीच होती रही राजनीतिक हिंसा

    जनवरी, 2001 में CPM कार्यकर्ताओं ने TMC सहित प्रतिद्वंद्वी संगठनों की एक बैठक को निशाना बनाया, जिसमें 11 लोग मारे गए।

    मेदिनीपुर के नंदीग्राम में 2007 में CPM और TMC समर्थकों के बीच झड़प में 14 लोगों की मौत हो गई थी। इस हिंसा ने ममता को बंगाल की विपक्षी राजनीति के केंद्र में ला खड़ा किया।

    इसके बाद 2011 विधानसभा चुनाव से पहले हुई हिंसा में भी 14 लोग मारे गए थे।

    राजनीतिक दाव

    भाजपा के आगमन के बाद बढ़ी हिंसा

    2014 में भाजपा के केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद भी बंगाल में हिंसा बढ़ी है। इसके लिए TMC और भाजपा एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराती आ रही हैं।

    2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि राज्य में 300 से अधिक भाजपा कार्यकर्ता मारे गए हैं, जिसके लिए TMC जिम्मेदार है।

    हालांकि, TMC इन आरोपों को खारिज करती आई है।

    पैसा

    पंचायतों पर कब्जों के लिए इतनी लड़ाई का क्या कारण?

    बंगाल के पंचायत चुनाव में पैसा भी एक मुख्य कारण है। यहां एक जिला परिषद अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान करीब 500 करोड़ रुपए खर्च कर सकती है। राज्य की एक ग्राम पंचायत को विकास कार्यों के लिए 5 से 18 करोड़ रुपये तक मिलते हैं।

    इसके अलावा केंद्र सरकार हर साल राज्य को ग्रामीण विकास के मद में करीब 4,000 करोड़ रुपये मुहैया करवाती है।

    इस भारी भरकम बजट के लिए भी पार्टियों में लड़ाई होती है।

    पंचायत चुनाव

    टकराव का एक कारण ये भी

    2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल पंचायत चुनाव सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के लिए एक कड़ी परीक्षा है। TMC, भाजपा और वाम-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार यहां चुनाव मैदान में हैं।

    इस चुनाव में हार-जीत 2024 के आम चुनाव में विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन को प्रभावित करेगी क्योंकि भाजपा को केंद्र की सत्ता में तीसरी बार काबिज होने से रोकने के लिए विपक्षी पार्टियां एकजुट हो रही हैं।

    इस कारण भी यहां ज्यादा टकराव देखने को मिल रहा है।

    कब होंगे चुनाव

    कब होंगे पंचायत चुनाव?

    पश्चिम बंगाल की सभी पंचायतों में 8 जुलाई को एक साथ मतदान होगा और 11 जुलाई को नतीजे आएंगे। यहां कुल 3,317 ग्राम पंचायतें हैं और कुल 63,283 पंचायत सीटें हैं, जबकि जिला परिषद की संख्या 928 है।

    पिछले चुनावों में हिंसा को देखते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग को केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती करने का निर्देश दिया है। इसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    पश्चिम बंगाल
    पंचायत चुनाव
    तृणमूल कांग्रेस
    #NewsBytesExplainer

    ताज़ा खबरें

    जो रूट बने इंग्लैंड के लिए सर्वाधिक वनडे रन बनाने वाले बल्लेबाज, पूरे किए 7,000 रन इंग्लैंड क्रिकेट टीम
    JSW MG को बिक्री में मिली 40 फीसदी की बढ़त, अब तक की सर्वाधिक  MG मोटर्स
    IPL 2025: क्वालीफायर-2 में बारिश ने डाला खलल, मैच धुला तो किसे मिलेगा फाइनल का टिकट? IPL 2025
    ऋतिक रोशन-कियारा आडवाणी समेत फिल्मों में आ रहीं इन 5 नई जोड़ियाें पर सबकी नजर तृप्ति डिमरी

    पश्चिम बंगाल

    कलकत्ता हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, रामनवमी पर हुई हिंसा की जांच NIA को सौंपी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी
    पश्चिम बंगाल: भाजपा का आरोप, पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान पार्टी कार्यकर्ता को गोली मारी सुवेंदु अधिकारी
    पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी ने किया अमर्त्य सेन के आवास के बाहर धरने का आह्वान  ममता बनर्जी
    क्या है भाजपा कार्यकर्ता की हत्या का मामला, जिसमें कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिया दूसरे पोस्टमार्टम का आदेश? कलकत्ता हाई कोर्ट

    पंचायत चुनाव

    उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव: भाजपा ने रेप के दोषी कुलदीप सेंगर की पत्नी को बनाया उम्मीदवार उत्तर प्रदेश
    उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव: भाजपा ने रद्द की कुलदीप सेंगर की पत्नी की उम्मीदवारी उत्तर प्रदेश
    उत्तर प्रदेश: कोरोना वायरस महामारी के बीच हो रहे पंचायत चुनाव में 577 शिक्षकों की मौत उत्तर प्रदेश
    उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने दी मतगणना की अनुमति, विजयी जुलूस निकालने पर रोक उत्तर प्रदेश

    तृणमूल कांग्रेस

    TMC विधायक की पत्नी जीती 1 करोड़ रुपये की लॉटरी, भाजपा का मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप पश्चिम बंगाल
    पश्चिम बंगाल: TMC नेता के घर पर बम धमाका, 3 लोगों की मौत पश्चिम बंगाल
    मोरबी पुल हादसे पर ट्वीट के लिए साकेत गोखले को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया- TMC मोरबी पुल हादसा
    संसद का शीतकालीन सत्र कल से होगा शुरू, 16 विधेयक किए जाएंगे पेश संसद शीतकालीन सत्र

    #NewsBytesExplainer

    #NewsBytesExplainer: मल्टीप्लेक्स नहीं, खुद फिल्म निर्माताओं ने बर्बाद किए सिंगलस्क्रीन सिनेमाघर? बॉलीवुड समाचार
    #NewsBytesExplainer: मुख्तार अंसारी का राजनीतिक और आपराधिक इतिहास और उसे किस मामले में हुई उम्रकैद? मुख्तार अंसारी
    #NewsBytesExplainer: मणिपुर हिंसा की जांच करने जा रही समिति में कौन-कौन है? मणिपुर
    #NewsBytesExplainer: मारुति सुजुकी स्विफ्ट कैसे बनी सफल हैचबैक कार? जानिए गाड़ी का सफर मारुति सुजुकी
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025