कर्नाटक से पहले कांग्रेस को इन राज्यों में भी मुख्यमंत्री तय करने में हुई थी मुश्किल
कर्नाटक में बड़ी जीत दर्ज करने के बावजूद कांग्रेस राज्य के अगले मुख्यमंत्री के चयन को लेकर दुविधा में घिरी हुई है। कर्नाटक चुनाव के नतीजे 13 मई को घोषित होने के बाद अब तक मुख्यमंत्री के नाम पर संशय बरकरार है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार मुख्य दावेदार हैं। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेस इस तरह की मुश्किल का सामना कर रही है।
कर्नाटक में फिलहाल क्या चल रहा है?
कांग्रेस हाईकमान मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकता है। इसके लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों दिल्ली पहुंच चुके हैं। कर्नाटक चुनाव के तीनों पर्यवेक्षकों ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद से ही कांग्रेस हाईकमान अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर लगातार मंथन कर रहा है।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ और सिंधिया के बीच फंसा था पेंच
2018 मध्य प्रदेश चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद कांग्रेस ने अन्य पार्टियों और निर्दलीय विधायकों के सहयोग से कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार का गठन किया गया था। ऐसा करते समय पद के प्रमुख दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनदेखी की गई थी। सिंधिया के मार्च, 2020 में भाजपा में शामिल होने के बाद 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आकर गिर गई थी।
राजस्थान में पायलट पर गहलोत को मिली थी वरीयता
कांग्रेस ने दिसंबर, 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में 100 सीटें हासिल कर जीत दर्ज की थी। गांधी परिवार के करीबी और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वरिष्ठता के आधार पर वरीयता देते हुए दोबारा मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली थी। कांग्रेस की जीत में बड़ी भूमिका निभाने वाले राजस्थान कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री के पद से संतोष करना पड़ा था। पायलट जुलाई, 2020 में इस्तीफा देने के बाद से लगातार गहलोत पर हमलावर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री के लिए थे कई दावेदार
कांग्रेस ने 2018 में छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए भूपेश बघेल, टीएस सिंह देव और ताम्रध्वज साहू की दावेदारी सामने आने पर कांग्रेस काफी उलझन में आई गई थी। कांग्रेस आलाकमान ने काफी विचार-विमर्श के बाद बघेल को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी थी। 2021 में 2.5-2.5 वर्ष के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर बघेल और सिंह के बीच विवाद छिड़ गया था, जिसे कांग्रेस ने बड़ी मुश्किल से सुलझाया था।
कांग्रेस के सामने पार्टी नेताओं को एकजुट रखना बड़ी चुनौती
कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव जीतकर पहले चरण को पार कर लिया है। हालांकि, अन्य राज्यों में पिछले चुनाव के बाद उत्पन्न हुई स्थितियों को देखते हुए कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री चुनने और सरकार बनाने के बाद पार्टी के नेताओं को एकजुट रखना बड़ी चुनौती है।