Page Loader
ब्लोटिंग की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
ब्लोटिंग की समस्या से राहत दिला सकते हैं ये योगासन

ब्लोटिंग की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Sep 23, 2021
06:45 am

क्या है खबर?

खाने का पाचन ठीक ढंग से न होने के कारण पेट में गैस बनने लगती है और ऐसे में लोगों को पेट फूलने की समस्या से जूझना पड़ता है। पेट फूलने की समस्या को अंग्रेजी में ब्लोटिंग भी कहा जाता है, जिसकी वजह से पेट से जुड़ी कई समस्याएं होने लगती हैं। हालांकि, योग इस समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। आइए आज इसके लिए कुछ योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं।

#1

फलकासन

फलकासन करने के लिए पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं और इस दौरान अपने दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाकर रखें। इसके बाद अपने हाथों को कोहनियों से मोड़ते हुए जमीन पर रखें और हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा लें। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए हाथों पर जोर देते हुए अपने पूरे शरीर को ऊपर उठाने की कोशिश करें। कुछ सेकेंड इस अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

#2

धनुरासन

धनुरासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों घुटनों को अपनी पीछे की तरफ से मोड़ें और हाथों से टखनों को मजबूती से पकड़ लें। इसके बाद सांस लेते हुए अपने पूरी शरीर को इस प्रकार ऊपर उठाने की कोशिश करें कि शरीर का आकार धनुष के समान लगे। अपनी क्षमतानुसार इस मुद्रा में बने रहकर धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें। कुछ सेकेंड बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

#3

बिटिलासन

बिटिलासन के लिए पहले योगा मैट पर वज्रासन की मद्रा में बैठें और फिर आगे की ओर झुकते हुए दोनों हाथों को अपने आगे सीधे जमीन पर टिका लें। अब अपने कूल्हे को ऊपर की तरफ और पेट को जमीन की ओर दबाएं। इसके बाद सिर को उठाते हुए कुछ सेकंड सीधे या फिर आसमान की तरफ देखें। कुछ देर इस मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे वज्रासन की अवस्था में वापस आ जाएं और आसन छोड़ दें।

#4

बालासन

बालासन के अभ्यास के लिए पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें और फिर गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें और फिर सांस लेते हुए वापस वज्रासन की मुद्रा में आएं और सामान्य हो जाएं।