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हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
हाई ब्लड प्रेशर रोगियों के लिए लाभदायक हैं ये योगासन

हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Aug 06, 2021
06:45 am

क्या है खबर?

आधुनिक दौर में हाई ब्लड प्रेशर एक बेहद आम बीमारी बन गई है और ज्यादातर लोग इससे ग्रसित पाए जाते हैं। हाई ब्लड प्रेशर से डायबिटीज, स्ट्रोक, किडनी फेल, दिल की बीमारी या मौत भी हो सकती है, इसलिए इसे नियंत्रित करना जरूरी है। इसके लिए आप कुछ योगासनों का सहारा ले सकते हैं। आइए आज आपको ऐसे ही कुछ योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं जो हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सक्षम है।

#1

सुखासन

सुखासन के लिए पहले योगा मैट पर पैरों को सीधा करके बैठें। अब बाएं पैर को घुटने से मोड़कर दाएं पैर की जांघ के नीचे रखें। इसके बाद दाएं पैर को मोड़कर बाएं पैर की जांघ के नीचे रखें। अब दोनों हाथों को ध्यान मुद्रा में घुटनों पर रखें और अपनी दोनों आंखों को बंद करें। इस दौरान अपने शरीर को आरामदायक स्थिति में रखें। कुछ सेकेंड इसी स्थिति में रहने के बाद धीरे-धीरे आंखें खोलकर आसन को छोड़ दें।

#2

बद्धकोणासन

बद्धकोणासन का अभ्यास करने के लिए पहले योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं। फिर पैरों को मोड़कर अपने दोनों तलवों को आपस में मिला लें। अब दोनों हाथों से तलवों को पकड़ लें और अपने दोनों घुटनों को आराम-आराम से तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें। इस दौरान सामान्य गति से सांस लेते रहें। कुछ सेकंड के बाद आसन को धीरे-धीरे छोड़ दें।

#3

विपरीतकरणी आसन

विपरीतकरणी आसन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठा कर 90 डिग्री का कोण बना लें। ध्यान रखें कि आपके तलवे ऊपर की ओर ही होने चाहिए। इसके बाद अपने नितंब को ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम दो-तीन मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। इसके बाद दोबारा इस योगासन का अभ्यास करें।

#4

नाड़ी शोधन प्राणायाम

इसके लिए योगा मैट पर पद्मासन में बैठकर दाएं हाथ की पहली दो उंगलियों को माथे के बीचों-बीच रखें। अब अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें और फिर अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। इस दौरान बाएं हाथ को घुटने पर ज्ञान मुद्रा में रखें और दोनों आंखें बंद करके अपनी सांस पर ध्यान दें। कुछ देर बाद प्राणायाम छोड़ दें।