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जानिए आकाश मुद्रा के अभ्यास का तरीका, इसके लाभ और अन्य महत्वपूर्ण बातें
आकाश मुद्रा से जुड़ी अहम बातें

जानिए आकाश मुद्रा के अभ्यास का तरीका, इसके लाभ और अन्य महत्वपूर्ण बातें

लेखन अंजली
Jul 19, 2021
06:45 am

क्या है खबर?

आकाश मुद्रा मुख्य हस्त मुद्राओं में से एक है। अगर इसका नियमित तौर पर सही तरीके से अभ्यास किया जाए तो यह शरीर में मौजूद दोषों को ठीक करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े लाभ देने में भी सहायक हो सकती है। आइए आज आपको इस मुद्रा के अभ्यास का तरीका, इसके लाभ और इससे संबंधित अन्य कुछ अहम बातों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

अभ्यास

आकाश मुद्रा के अभ्यास का तरीका

सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को अपने दोनों घुटनों पर रखें। इसके बाद अपने दोनों हाथों की मध्यमा उंगली यानि सेंटर फिंगर के ऊपरी हिस्से को अंगूठे के ऊपरी हिस्से से मिलाएं और बाकी उंगलियों को सीधा रखें। अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 10 से 15 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।

सावधानियां

मुद्रा के अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां

आकाश मुद्रा का अभ्यास चलते-चलते नहीं करना चाहिए बल्कि इस दौरान स्थिर रहना चाहिए। आप चाहें तो लेटकर भी इसका अभ्यास कर सकते हैं। मुद्रा बनाकर कभी भी हाथों को उल्टा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे मुद्रा के अभ्यास से फायदे कम और नुकसान ज्यादा हो सकते हैं। कुछ खाने या पीने के तुरंत बाद इस मुद्रा का अभ्यास न करें। इस मुद्रा का अभ्यास वात दोष वालों को नहीं करनी चाहिए।

फायदे

आकाश मुद्रा के निरंतर अभ्यास से मिलने वाले फायदे

इस मुद्रा के अभ्यास से चेतना शक्ति की प्राप्त होती है। यह मुद्रा कानों की समस्याओं से राहत दिला सकती है। आकाश मुद्रा करने से गले के रोगों को भी दूर किया जा सकता है और इससे आवाज साफ होती है। इस मुद्रा का हड्डियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह मुद्रा हृदय के लिए भी श्रेष्ठ है। इस मुद्रा के अभ्यास से शरीर को विषाक्त तत्वों से मुक्ति मिलती है।

टिप्स

आकाश मुद्रा के अभ्यास से जुड़ी खास टिप्स

शुरूआत में इस मुद्रा का अभ्यास किसी योग गुरू की निगरानी में ही करें। इस मुद्रा का अभ्यास करते समय शरीर में अधिक तनाव पैदा न करें और शांत दिमाग से इसका अभ्यास करें। इस मुद्रा का अभ्यास किसी शांत और साफ जगह पर बैठकर करें ताकि आपका ध्यान पूरी तरह से इस पर केंद्रित हो सके। सुबह के समय इस मुद्रा का अभ्यास करना काफी लाभदायक माना जाता है।