सूर्यभेदी: जानिए इस प्राणायाम के अभ्यास का तरीका, इसके लाभ और अन्य महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
योग में ऐसे कई महत्वपूर्ण प्राणायाम शामिल होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभदायक हैं।
इन्हीं में शामिल सूर्यभेदी प्राणायाम भी हमारे लिए एक वरदान है क्योंकि इसका हमारे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है।
रोजाना इस प्राणायाम का अभ्यास करना हर उम्र के व्यक्ति के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
आइए आज आपको इस प्राणायाम से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
अभ्यास
सूर्यभेदी प्राणायाम के अभ्यास का तरीका
योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठकर आंखें बंद करें।
अब दाएं हाथ की छोटी और अनामिका उंगलियों से नाक के बाएं छेद को बंद करके दाएं छेद से सांस लें।
इसके बाद ठोड़ी से सीने से लगाकर थोड़ा दबाव बनाएं और कुछ देर सांस को रोकें।
अब सिर को ऊपर करके दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छेद को बंद करके बाएं छेद से सांस छोड़ें।
ऐसा कुछ मिनट तक करने के बाद प्राणायाम छोड़ दें।
सावधानियां
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
सूर्यभेदी प्राणायाम के अभ्यास का समय गर्मियों में कम रखें और बारिश और सर्दियों में बढ़ा दें क्योंकि यह प्राणायाम अग्नि तत्व को बढ़ा देता है जिससे आपके शरीर में गर्मी बढ़ जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर, कमजोरी, हृदय रोग या फिर मिर्गी के दौरे से ग्रस्त लोग सूर्यभेदी प्राणायाम का अभ्यास न करें।
अस्थमा के रोगी और पित्त प्रवृत्ति वाले लोग भी इस प्राणायाम का अभ्यास करने से बचें।
फायदे
सूर्यभेदी प्राणायाम के निरंतर अभ्यास से मिलने वाले फायदे
सूर्यभेदी प्राणायाम का निरंतर अभ्यास शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने में मदद करता है।
यह प्राणायाम सर्दी, जुकाम, कफ, दमा, निमोनिया, थायराइड, कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और अस्थमा जैसी बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है।
वात दोष वाले लोगों के लिए भी इस प्राणायाम का अभ्यास फायदेमंद है।
इस प्राणायाम से पाचन तंत्र की कार्यक्षमता बढ़ाने में काफी मदद मिलती है।
यह प्राणायाम स्मरण शक्ति को बढ़ाता है और इससे सकारात्मक सोच बढ़ती है।
इस प्राणायाम से त्वचा पर चमक आती है।
टिप्स
प्राणायाम के अभ्यास से जुड़ी खास टिप्स
तेज धूप और दिन के समय सूर्यभेदी प्राणायाम का अभ्यास न करें।
इस प्राणायाम का अभ्यास किसी ठंडी और शांत जगह पर बैठकर करें ताकि आपका ध्यान पूरी तरह से इस प्राणायाम पर केंद्रित हो सके।
इस प्राणायाम का अभ्यास करने से कुछ देर पहले और बाद में किसी तरह के खाद्य या पेय पदार्थ का सेवन न करें। ऐसा करने पर आप प्राणायाम के अभ्यास के दौरान असहज महसूस कर सकते हैं।