अर्ध धनुरासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, इसके लाभ और अन्य महत्वपूर्ण बातें
अर्ध धनुरासन एक ऐसा योगासन है जिसका अभ्यास करते समय आधा शरीर धनुष जैसा दिखता है और इसे शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर माना जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो यह योगासन अत्यंत प्रभावी आसनों में से एक है, इसलिए आपके लिए नियमित तौर पर इसका अभ्यास करना लाभदायक सिद्ध हो सकता है। चलिए फिर आज हम आपको अर्ध धनुरासन के अभ्यास का तरीका और इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
अर्ध धनुरासन के अभ्यास का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेटें और ठुड्डी और हाथों को जमीन से सटाएं। अब अपने बाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए पीठ के पीछे ले जाएं और इसकी एड़ी को बाएं हाथ से पकड़कर ऊपर उठाएं। फिर बाएं पैर समेत शरीर के पूरे बाएं हिस्से को अपनी क्षमतानुसार ऊपर उठाएं। इस दौरान पांच बार लंबी सांस लें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं। अब इस प्रक्रिया को दाएं पैर से भी दोहराएं।
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
अगर किसी की कोहनी, पीठ, पेट, घुटने, रीढ़ की हड्डी या फिर कंधे में चोट लगी है या शरीर के अन्य किसी अंग में दर्द की समस्या है तो वह इस योगासन का अभ्यास न करे। इस आसन के अभ्यास के दौरान अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगाएं क्योंकि इससे चोट लगने की संभावना बढ़ सकती है। अगर किसी को उच्च रक्तचाप या फिर माइग्रेन की समस्या है तो वो भी इस योगासन का अभ्यास करने से बचे।
अर्ध धनुरासन का नियमित अभ्यास करने से मिलने वाले फायदे
रोजाना अर्ध धनुरासन करने से कलाइयों, भुजाओं, पैर, कंधों, पीठ और रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है। इस योगासन से पूरे शरीर की मांसपेशियों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस योगासन को करने से मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से भी कुछ हद तक राहत मिलती है। इस आसन से कूल्हे और घुटनों से संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं। इस योगासन से पाचन तंत्र की कार्यक्षमता को बढ़ाने में काफी मदद मिलती है।
अर्ध धनुरासन के अभ्यास से जुड़ी महत्वपूर्ण टिप्स
अगर आप पहली बार इस योगासन का अभ्यास करने वाले हैं तो ऐसा किसी प्रशिक्षक की निगरानी में ही करें क्योंकि वह आपकी उम्र, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं (अगर कोई है) और क्षमता के अनुसार ही इसका अभ्यास करना सिखाएगा। इस योगासन की शुरुआत में संतुलन बनाना मुश्किल हो सकता है, इसलिए तकिये का सहारा लें। इस योगासन के अभ्यास के दौरान शरीर का अत्यधिक भार सिर्फ पेट पर होता है, इसलिए इसके अभ्यास के समय कोई जल्दबाजी न करें।