फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
क्या है खबर?
गलत खान-पान के कारण शरीर कई गंभीर रोगों की चपेट में आ सकता है। इन्हीं रोगों में से एक है फैटी लिवर जो उल्टे-सीधे खाने के कारण होता है।
यह रोग लिवर की कोशिकाओं में ज्यादा फैट जमा होने की वजह से होता है और इसमें लिवर सही तरह से काम करना बंद कर देता है।
योग इस रोग के जोखिम को कम करने में सहायक है। चलिए फिर कुछ ऐसे ही योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं।
#1
नौकासन
नौकासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधा लेट जाएं।
फिर अपने सिर और कंधों के साथ-साथ अपने पैरों को ऊपर की ओर सीधा उठा लें। ध्यान रखें कि इस आसन में आपके हाथ, पैर और कंधे समांतर हो। इसी अवस्था में पांच बार सांस लें और फिर आराम करें। बार-बार इसी प्रक्रिया को दोहराएं।
इस आसन का नियमित अभ्यास करने से न सिर्फ लिवर की कार्यक्षमता में सुधार होता है, बल्कि पाचन भी दुरूस्त रहता है।
#2
भुजंगासन
भुजंगासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं।
अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें।
कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। कुछ देर बाद इस योगासन को फिर से दोहराएं।
#3
धनुरासन
धनुरासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
अब अपने दोनों घुटनों को अपनी पीछे की तरफ से मोड़ें और हाथों से टखनों को मजबूती से पकड़ लें।
इसके बाद सांस लेते हुए अपने पूरी शरीर को इस प्रकार ऊपर उठाने की कोशिश करें कि शरीर का आकार धनुष के समान लगे।
अपनी क्षमतानुसार इस मुद्रा में बने रहकर धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें। कुछ सेकेंड बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#4
गोमुखासन
गोमुखासन के लिए योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठकर अपने दाएं पैर को मोड़ें और इसे बाईं जांघ के ऊपर से ले जाकर बाएं नितंब के पास जमीन पर रखें।
इसी तरह अपने बाएं पैर को मोड़ते हुए दाईं जंघा के नीचे से दाए नितंब के पास जमीन पर रख लें।
अब अपने दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए पीठ के पीछे आपस में पकड़ने का प्रयास करें। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें।