
हेल्थ इंश्योरेंस का चुनाव करते वक्त रखें इन बातों का ध्यान, होगा फायदा
क्या है खबर?
आज के समय में स्वास्थ्य खर्च तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसे में नई-नई बीमारियां और उनका महंगा इलाज किसी को भी आर्थिक संकट की ओर ढकेल सकता है।
इस स्थिति को नियंत्रित करने में हेल्थ इंश्योरेंस मददगार साबित हो सकता है। आपको सही इंश्योरेंस चुनते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आपको अच्छा हेल्थकेयर कवरेज मिल सके और आपकी जेब पर भी ज्यादा असर न पड़े।
आइए उन बातों पर गौर फरमाएं।
#1
हेल्थ इंश्योरेंस में नहीं होनी चाहिए किसी भी तरह की सब-लिमिट
रूम रेंट लिमिट एक प्रकार की निर्धारित सीमा होती है जो एक निश्चित राशि या कुल राशि का कुछ फीसदी हिस्सा होती है। बता दें कि.यह निर्धारित सीमा बहुत सारे हेल्थ इंश्योरेस प्लान्स में शामिल होती है।
उदाहरण के लिए, अगर आपके हेल्थ प्लान में रूम रेंट सीमा 5,000 रुपये है तो आपका हेल्थ प्लान इतनी राशि तक के खर्चों को ही कवर करेगा। इसलिए एक हेल्थ इंश्योरेंस चुनते समय आप ऐसा प्लान लें जिसमें कोई सब-लिमिट न हो।
#2
हेल्थ इंश्योरेंस का वेटिंग पीरियड होना चाहिए कम
कुछ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की पॉलिसी में इंश्योरेंस लेने वाली की मौजूदा बीमारी को कवर किया जाता है और कुछ में नहीं।
इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले ग्राहक को इस चीज का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि वह ऐसी इंश्योरेंस योजना का चुनाव करें जो कम वेटिंग पीरियड में उसकी मौजूदा बीमारी को भी कवर करती हो।
इसी के साथ ग्राहक को अपना हेल्थ इंश्योरेंस अपडेट करवाते रहना चाहिए।
#3
हेल्थ इंश्योरेंस चुनते समय NCB का विकल्प जरूर लें
एक और जरूरी बात जो ध्यान रखने वाली है, वह है हेल्थ इंश्योरेंस का नो क्लेम बोनस(NCB)। इसके तहत अगर ग्राहक ने सालभर में हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम नहीं किया है तो उसको एडिशनल चार्ज मिलता है।
ज्यादातर इंश्योरेंस में NCB में इंश्योरेंस की राशि का एडिशनल पांच फीसदी मिलता है। ग्राहक चाहें को वह अपनी इंश्योरेंस की राशि को भी इससे बढ़ा सकता है क्योंकि जैसे-जैसे क्लेम के फ्री साल बढ़ेंगे, ठीक वैसे ही NCB का प्रतिशत भी बढ़ेगा।
#4
भविष्य को ध्यान में रखकर हेल्थ इंश्योरेंस की राशि चुनें
जब आप अपने लिए हेल्थ इंश्योरेंस चुनें तो अपने भविष्य को ध्यान में रखें।
उदाहरण के लिए, अगर आज के समय में एक हार्ट सर्जरी की कीमत पांच लाख रुपये है तो 20 साल बाद इसकी कीमत 25 या 30 लाख रूपये हो सकती है।
इसका मतलब आपके पास कम से कम 7-10 लाख रूपये तक का कवर होना चाहिए। इसके लिए ऐसी पॉलिसी को चुनें जो हर क्लेम फ्री ईयर पर आपके इंश्योरेंस को बढ़ाएं।