'मन की बात' में बोले प्रधानमंत्री- अन्य देशों की तुलना में भारत में कम फैला कोरोना
आज रेडियो पर अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस से संबंधित कई मुद्दों पर बोले। उन्होंने कहा कि देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई मजबूती से लड़ी है और अन्य देशों की तुलना में भारत में कोरोना वायरस कम फैला है। लॉकडाउन पर उन्होंने कहा कि अब पहले के मुकाबले काफी अधिक चीजें शुरू हो चुकी हैं और अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा खुल गया है। आइए जानते हैं उन्होंने और क्या-क्या कहा।
प्रधानमंत्री बोले- हमें और सतर्क रहने की आवश्यकता
संबोधन की शुरूआत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पिछली बार जब मैंने आपसे मन की बात की थी, तब यात्री ट्रेनें, बसें और हवाई सेवा बंद थीं। इस बार बहुत कुछ खुल चुका है। श्रमिक स्पेशल और अन्य स्पेशल ट्रेनें शुरू हो गई हैं। तमाम सावधानियों के साथ हवाई जहाज उड़ने लगे हैं। धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुए हैं, यानी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब खुल गया है। ऐसे में हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।"
कोरोना से होने वाले मृत्यु दर काफी कम- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, "देश में सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई मजबूती से लड़ी जा रही है। जनसंख्या ज्यादा होने के बावजूद हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल पाया जितना अन्य देशों में फैला। कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी हमारे देश में काफी कम है। जो नुकसान हुआ है, उसका दु:ख हम सबको है। लेकिन जो कुछ भी हम बचा पाए, वो निश्चित तौर पर देश की सामूहिक संकल्पशक्ति का ही परिणाम है।"
प्रधानमंत्री ने की महिला सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स की प्रशंसा
महिला सेल्फ-हेल्प ग्रुप की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "देश के सभी इलाकों से महिला सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स के परिश्रम की भी अनगिनत कहानियां इन दिनों हमारे सामने आ रही हैं। गांवों-कस्बों में हमारी बहनें-बेटियां हर दिन मास्क बना रही हैं।
भारत में वैक्सीन के काम पर दुनियाभर की नजर- प्रधानमंत्री
संकट की इस घड़ी में गांव से लेकर शहरों और छोटे व्यापारियों से लेकर स्टार्टअप्स तक के इनोवेशन की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये बात उनके मन को छू गई है। उन्होंने कहा, "कोरोना की वैक्सीन पर हमारी लैब्स में जो काम हो रहा है, उस पर तो दुनियाभर की नजर है और हम सबकी आशा भी। किसी भी परिस्थिति को बदलने के लिए इच्छाशक्ति के साथ ही बहुत कुछ इनोवेशन पर भी निर्भर करता है।"
गरीब मजदूरों पर पड़ी सबसे बड़ी चोट- प्रधानमंत्री
प्रवासी मजदूरों के सामने आए संकट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "इस संकट की सबसे बड़ी चोट अगर किसी पर पड़ी है तो वो हमारे गरीब श्रमिक वर्ग पर पड़ी है। उनकी तकलीफ, दर्द और पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती।" रेलवे कर्मचारियों की प्रशंसा करते हुए वे बोले, "हमारे रेलवे के साथी दिन-रात लगे हुए हैं। जिस प्रकार रेलवे के कर्मचारी आज जुटे हुए हैं, वे भी अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वॉरियर्स ही हैं।"
"गांवों और कस्बों को आत्मनिर्भर बनाया जाता तो समस्या इस रूप में नहीं होतीं"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर हमारे गांव, कस्बे, जिले और राज्य आत्मनिर्भर होते तो अनेक समस्याओं ने वो रूप नहीं लिया होता, जिस रूप में वो आज हमारे सामने हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी जो फैसले लिए हैं, उससे गांवों में रोजगार, स्वरोजगार, लघु उद्योगों से जुड़ी विशाल संभावनाएं खुली हैं और उन्हें पूरा भरोसा है 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' इस दशक में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
प्रधानमंत्री ने योग के महत्व पर दिया जोर
कोरोना वायरस के इस दौर में योग के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के इस समय में योग आज इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि ये वायरस हमारे श्वसन तंत्र को सबसे अधिक प्रभावित करता है और योग में श्वसन तंत्र को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं। कपालभाती और अनुलोम-विलोम के अलावा भस्त्रिका, शीतली और भ्रामरी जैसे कई प्राणायाम के प्रकार हैं, जिसके, अनेक लाभ हैं।
आयुष मंत्रालय ने शुरू की 'माई लाइफ, माई योगा' नामक वीडियो ब्लॉग प्रतियोगिता
आयुष मंत्रालय की 'My Life, My Yoga' नामक अंतरराष्ट्रीय वीडियो ब्लॉग प्रतियोगिता के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें हिस्सा लेने के लिए योगासन करते हुए और इसके फायदे बताते हुए तीन मिनट का एक वीडियो बनाकर अपलोड करना होगा।
आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ पार- प्रधानमंत्री
'आयुष्मान भारत' योजना के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में करोड़ों गरीब इस बड़ी चिंता में रहते थे कि अगर वे बीमार पड़ गए तो क्या होगा और आयुष्मान भारत योजना ने इस चिंता को दूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ पार कर गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना की एक बड़ी विशेषता पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी है।
अम्फान तूफान और टिड्डियों के हमले का भी किया जिक्र
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने अम्फान तूफान का जिक्र करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लोगों ने जिस हिम्मत और बहादुरी के साथ हालात का सामना किया है, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने टिड्डियों के हमले का भी जिक्र किया। लोगों से जल सरंक्षण की अपील करते हुए उन्होंने कहा, "हम बार-बार सुनते हैं जल है तो जीवन है, जल है तो कल है। लेकिन हमारी भी जिम्मेदारी है। हमें बारिश की एक-एक बूंद बचानी होगी।"