मुर्शिदाबाद हत्याकांड: बीमा पॉलिसी के लिए की थी पड़ोसी ने हत्या, पुलिस ने ऐसे सुलझाया केस
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तिहरे हत्याकांड के बाद आठ दिन बाद पुलिस ने इसे सुलझाने का दावा किया है।
पुलिस के अनुसार, एक बीमा पॉलिसी पर विवाद के कारण मृतकों के पड़ोसी ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है जिसने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
बता दें कि हत्याकांड राजनीतिक बवाल का केंद्र बना था और इस पर तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने आ गए थे।
हत्याकांड
8 अक्टूबर को घर से बरामद हुआ था बंधु पाल, उसकी पत्नी और बेटे का शव
8 अक्टूबर को मुर्शिदाबाद के जियागंज में शिक्षक बंधु प्रकाश पाल (40 वर्ष), उसकी गर्भवती पत्नी ब्यूटी (30 वर्ष) और बेटे अंगन (छह वर्ष) के शव उनके घर से बरामद किए गए थे।
तीनों की चाकुओं से गोदकर हत्या की गई थी।
इसके तुरंत बाद भाजपा ने पाल को अपना और RSS का कार्यकर्ता बताते हुए उनकी राजनीतिक हत्या का दावा किया था।
पार्टी नेताओं ने तीनों शवों की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया था।
जानकारी
परिवार ने किया था RSS या भाजपा से संबंध से इनकार
हालांकि, पाल के परिजनों ने बयान देते हुए कहा था कि उसका भाजपा या RSS से कोई संबंध नहीं था। उनकी मां और ममेरे भाई ने कहा था कि उसकी राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी और मामले का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
जांच
गैरकानूनी बीमा पॉलिसी चलाता था पाल
अब पुलिस की जांच में सामने आया है कि पाल और उसके परिवार की हत्या एक बीमा पॉ़लिसी की वजह से की गई थी।
पुलिस के अनुसार, पाल एक गैरकानूनी 'बीमा पॉलिसी' चलाता था और उसने जियागंज आने से पहले सहापुर गांव में अपने पड़ोसी उत्पल बेहरा (20 वर्ष) को इसमें निवेश करने के लिए तैयार कर लिया था।
उत्पल ने 11 साल की एक बीमा पॉलिसी ली जिसमें हर साल 24,167 रुपये की किस्त जाती थी।
झगड़े का कारण
किस्त जमा करने पर भी रसीद न देने को लेकर पाल और उत्पल में झगड़ा
मुर्शिदाबाद SP मुकेश कुमार के अनुसार, उत्पल ने बताया है कि पाल ने उसे पहले साल की रसीद तो दे दी, लेकिन किस्त देने के बावजूद उसने उसे दूसरे साल की रसीद नहीं मिली।
इसको लेकर दोनों में झगड़ा हुआ और पाल ने उसके साथ गालीगलौज भी की।
इसके बाद उत्पल ने पाल की हत्या करने का फैसला किया।
वह जियागंज में अपनी बहन के घर आया और फिर पाल के घर जाकर तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया।
घटनाक्रम
ऐसे दिया हत्या को अंजाम
SP मुकेश कुमार के अनुसार, दशमी के दिन उत्पल ने पाल को फोन करके उसके घर आने की इच्छा जताई।
घर में उत्पल को हर कोई जानता था इसलिए उसका स्वागत किया। घर पहुंचते ही उत्पल ने पाल पर हमला कर दिया और मौके पर ही उसकी हत्या कर दी।
इसके बाद वह दूसरे कमरे में गया और पाल की गर्भवती पत्नी और बेटे की हत्या कर दी। उन दोनों को उसने इसलिए मारा क्योंकि वह उसे पहचान सकते थे।
जांच
ऐसे उत्पल तक पहुंची पुलिस
पुलिस को पाल के शव के पास से एक फिक्स डिपॉजिट पासबुक मिली थी जो उत्पल की थी, जो घटना को अंजाम देते वक्त वहां गिर गई थी।
इसके अलावा एक स्थानीय दूधिए राजीब दाव और पाल के पड़ोसियों कृष्ण सरकार और रतन सरकार ने उसे पाल के घर से भागते हुए देख लिया था।
उनकी बताई गई पहचान के आधार पर उसका स्कैच तैयार किया गया और उसके फोन की लोकेशन और कॉल डिटेल्स की भी जांच की गई।
बयान
उत्पल के पिता ने बेटे को बताया निर्दोष
इस बीच उत्पल के पिता माधब बेहरा ने कहा है कि उनका बेटा निर्दोष है।
उन्होंने कहा, "मेरे बेटे ने पाल की बीमा पॉलिसी में कुछ धन निवेश किया था। उसे कुछ पैसा वापस मिलना था और इसलिए उसने पाल को फोन किया था। लेकिन मैं ये मानने से इनकार करता हूं कि मेरा बेटे ने ऐसा अपराध किया है। उसे फंसाया गया है। मैंने उससे पैसों के मामले में नहीं पड़ने को कहा था, लेकिन वह नहीं माना।"