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    जुलाई रहा अब तक का सबसे गर्म महीना, यूरोपीय संघ की जलवायु वेधशाला ने की पुष्टि 
    इस साल का जुलाई रहा सबसे अधिक गर्मी वाला महीना

    जुलाई रहा अब तक का सबसे गर्म महीना, यूरोपीय संघ की जलवायु वेधशाला ने की पुष्टि 

    लेखन गौसिया
    Aug 08, 2023
    03:50 pm

    क्या है खबर?

    दुनियाभर के लोगों ने पिछले महीने भीषण गर्मी का सामना किया था।

    यूरोपीय संघ की जलवायु वेधशाला ने मंगलवार को बताया कि इस साल के जुलाई महीने को दुनिया का अब तक का सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया है।

    बता दें कि इससे पहले नासा के जलवायु वैज्ञानिक ने जुलाई के सबसे गर्म महीना रहने का चिंताजनक अनुमान भी लगाया था।

    आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

    रिपोर्ट

    इस साल के जुलाई महीने ने तोड़ा पिछला रिकॉर्ड

    रिपोर्ट में कहा गया कि दुनियाभर में लू और आगजनी की घटना से प्रभावित जुलाई ने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इससे पहले जुलाई, 2019 सबसे गर्म महीना था, जब औसत तापमान 16.63C था। इसकी तुलना में बीता जुलाई 0.33 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रहा।

    इसके अलावा पिछले कुछ सालों में जीवाश्म ईंधन जलने से धरती का तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। इससे तूफान और बाढ़ जैसी मौसमी समस्याओं का खतरा भी बढ़ गया है।

    बयान

    आने वाले महीने हो सकते हैं अधिक गर्म 

    जलवायु वेधशाला कोपरनिकस ने बताया, "कई देशों में भयानक गर्मी की लहर का अनुभव किया गया। 2016 और 2020 के बाद 2023 का वैश्विक औसत अब तक के रिकॉर्ड में तीसरा सबसे अधिक है। 2023 और 2016 के बीच में जो अंतर है, वो आने वाले महीनों मे कम हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि 2016 के बाद के महीने ठंडे थे और 2023 के बाकी महीने अल नीनी के प्रभाव के कारण गर्म हो सकते हैं।"

    जानकारी

    अल नीनो क्या है? 

    अल नीनो एक तरह की मौसमी घटना है, जिसकी वजह से मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्री सतह का पानी सामान्य से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म हो जाता है।

    इसके चलते पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली हवाएं कमजोर पड़ती हैं और गर्म पानी पूर्व यानी अमेरिका के पश्चिमी तट की ओर जाने लगता है।

    साल 1600 में पहली बार इस प्रभाव को देखा गया था, जो अब बदलते मौसम में अहम भूमिका निभा रहा है।

    चिंताएं

    महासागरों ने भी बनाया नया तापमान रिकॉर्ड

    दुनिया के महासागरों में भी एक नया तापमान रिकॉर्ड किया गया है। इससे धरकी की जलवायु, समुद्री जीवन और तटीय समुदायों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।

    आंकड़ों के मुताबिक, 30 जुलाई को महासागरों की सतह का तापमान बढ़कर 20.96 डिग्री सेल्सियस हो गया था, जबकि मार्च 2016 में यह तापमान 20.95C था।

    हालांकि, इनमें ध्रुवीय क्षेत्रों को शामिल नहीं किया गया है।

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