प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में क्या-क्या कहा, पढ़ें पूरा भाषण
क्या है खबर?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 74वें सत्र को संबोधित किया।
अपने संबोधन की शुरूआत में उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों की ओर से संबोधित करना उनके लिए गर्व का अवसर है।
उन्होंने कहा कि ये इसलिए भी विशेष है क्योंकि इस साल पूरी दुनिया महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ बना रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सत्य और अहिंसा का उनका संदेश विश्व शांति, प्रगति और विकास के लिए आज भी प्रांसगिक है।
जानकारी
क्या है संयुक्त राष्ट्र महासभा?
संयुक्त राष्ट्र (UN) एक अंतर-सरकारी संगठन है जहां दुनिया के सभी देश मिलकर काम करते हैं और सभी समस्याओं पर विचार करते हैं। ये एक विश्व सरकार की तरह है। UN महासभा इसकी सभी बड़ी बैठक है जिसमें विश्व नेता अपने विचार रखते हैं।
शुरूआत
प्रधानमंत्री ने किया अपनी सफल योजनाओं का जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बाद कहा, "इस वर्ष दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव हुआ। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट देकर मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा मजबूत जनादेश दिया। इस जनादेश ने निकला संदेश इससे भी ज्यादा बड़ा है, ज्यादा व्यापक है और ज्यादा प्रेरक है।"
स्वच्छता अभियान, आयुष्मान योजना, जनधन योजना और आधार आदि योजनाओं को जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनसे पूरे विश्व को प्रेरणा मिलती है।
संबोधन
भारत में बंद करने जा रहे सिंगल यूज प्लास्टिक- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैंने यहां आते वक्त पढ़ा कि 'नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक'। मुझे ये बताते वक्त हर्ष हो रहा है कि हम आज भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए बड़ा अभियान चला रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "आने वाले पांच सालों में हम 15 करोड़ घरों को स्वच्छ पानी से जोड़ने वाले हैं। हम सवा लाख किलोमीटर नई सड़कें बनाने जा रहे हैं।"
लक्ष्य
"2022 तक गरीबों के लिए दो करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य"
अपनी सरकार के लक्ष्यों पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का लक्ष्य 2022 में अपनी स्वतंत्रता के 75वें पर्व तक गरीबों के लिए दो करोड़ घरों का निर्माण करने का है।
उन्होंने आगे कहा, "भले ही दुनिया ने टीबी से मुक्ति के लिए 2030 तक का समय रखा हो, लेकिन हम 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए काम कर रहे हैं।"
जन कल्याण
मोदी बोले, जन भागीदारी से जन कल्याण पर विश्वास रखता है भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, "सवाल ये है कि आखिर ये सब हम कैसे कर पा रहे हैं? आखिर नए भारत में तेजी से बदलाव कैसे आ रहा है?"
उन्होंने कहा, "भारत हजारों साल पुरानी संस्कृति है जिसकी अपनी जीवन परंपपराएं है जो वैश्विक सपनों को अपनों में समेटे हुए है। हमारे संस्कार जीव में क्षीव देखते हैं, इसलिए हमारा प्राण तत्व जन भागीदारी से जन कल्याण है।"
संबोधन
"हमारा परिश्रम सिर्फ और सिर्फ कर्तव्य भाव से प्रेरित"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारी प्रेरणा है- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और ये सिर्फ भारत की सीमाओं में सीमित नहीं है। हमारा परिश्रम न तो दयाभाव है और न ही दिखावा। ये सिर्फ और सिर्फ कर्तव्य भाव से प्रेरित है।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारे प्रयास 130 करोड़ भारतीयों को केंद्र में रखकर हो रहे हैं, लेकिन ये प्रयास जिन सपनों के लिए हो रहे हैं, वो सारे विश्व के हैं, हर देश के हैं, हर समाज के हैं।"
भाषण
अन्य देशों के सपने सुनकर मेरा संकल्प और पक्का होता है- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मेरा ये विश्वास दिनोंदिन तब और भी दृढ़ हो जाता है जब मैं उन देशों के बारे में सोचता हूं जो विकास की यात्रा में भारत की तरह अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "जब मैं उन देशों के सुख-दुख सुनता हूं, उनके सपनों से परिचित होता हूं, तब मेरा ये संकल्प और भी पक्का हो जाता है कि मैं अपने देश का विकास और भी तेज गति से करूं।"
संस्कृति
प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराई तमिल कवि की 3,000 साल पुरानी पंक्तियां
प्रधानमंत्री बोले, "आज से 3,000 वर्ष पूर्व भारत के महान कवि कणियन ने विश्व की प्राचीनतम भाषा तमिल में कहा था कि हम सभी स्थानों के लिए अपनेपन का भाव रखते हैं और सभी लोग हमारे अपने हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत ने बीते पांच वर्षों में सदियों से चली आ रही विश्व बंधुत्व और विश्व कल्याण की उस महान परंपरा को मजबूत करने का काम किया है।
बयान
"भारत जिन विषयों को उठा रहा उनका आधार वैश्विक चुनौतियां"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत जिन विषयों को उठा रहा है, जिन नए वैश्विक मंचों के निर्माण के लिए भारत आगे आया है, उनका आधार वैश्विक चुनौतियां हैं और गंभीर समस्याओं के समाधान का सामूहिक प्रयास है।"
ग्लोबल वॉर्मिंग
ग्लोबल वॉर्मिंग के समाधान में भारत के योगदान पर भी रखी अपनी बात
मोदी ने कहा, "अगर इतिहास और पर कैपिटा एमिशन के नजरिए से देखें तो ग्लोबल वॉर्मिंग में भारत का योगदान बहुत ही कम रहा है। लेकिन इसके समाधान के लिए कदम उठाने वालों में भारत एक अग्रणी देश है।
उन्होंने कहा, "हम भारत में 450 गीगाबॉट रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं और वहीं दूसरी और हमने इंटरनेशनल सोलर अलायंस स्थापित करने की पहल भी की है।"
प्राकृतिक आपदाएं
प्रधानमंत्री मोदी बोले, बढ़ती जा रही है प्राकृतिक आपदाओं की संख्या और तीव्रता
ग्लोबल वॉर्मिंग पर प्रधानमंत्री ने कहा, "ग्लोबल वॉर्मिंग का एक प्रभाव ये भी है कि प्राकृतिक आपदाओं की संख्या और उनकी तीव्रता बढ़ती ही जा रही है।"
उन्होंने कहा, "इस स्थिति को देखते हुए ही भारत ने CDRI बनाने की पहल की है। दुनिया के देशों को इससे जोड़ने के लिए निमंत्रण देता हूं। इससे ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद मिलेगी जिन पर प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव कम से कम होगा।"
शांति का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी बोले, भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए
अपने अहम संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "UN पीसकीपिंग मिशनों में सबसे बड़ा बलिदान भारत ने दिया है। हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं। शांति का संदेश दिया है। इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी।"
उन्होंने आगे कहा कि ये किसी एक देश की नहीं बल्कि पूरी दुनिया की और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
बयान
दुनिया को आतंक के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है जिनके आधार पर UN का जन्म हुआ है। इसलिए मानवता की खातिर आतंक के खिलाफ पूरे विश्व का एकमत होना, एकजुट होना मैं अनिवार्य समझता हूं।"
एकजुट होने की अपील
बिखरी हुई दुनिया किसी के हित में नहीं- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, "आज विश्व का स्वरूप बदल रहा है। 21वीं सदी की आधुनिक टेक्नोलॉजी समाज जीवन, निजी जीवन, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, कनेक्टिवटी और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सामूहिक परिवर्तन ला रही है।"
उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में एक बिखरी हुई दुनिया किसी के हित में नहीं है। ना ही हम सभी के पास अपनी-अपनी सीमाओं के भीतर सिमट जाने का विकल्प है।
समापन
स्वामी विवेकानंद के संदेश से किया भाषण का अंत
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण का समापन स्वामी विवेकानंद के संदेश से किया।
उन्होंने कहा, "सवा सौ साल पहले भारत के महान आधात्मिक गुरू स्वामी विवेकानंद जी ने अमेरिका में, शिकागो में वर्ल्ड पार्लियामेंट ऑफ रिलीजन के दौरान विश्व को एक संदेश दिया था। ये संदेश था- हारमनी एंड पीस एंड नॉट डिसेंशन। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का आज भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यही संदेश है- हारमनी एंड पीस। बहुत-बहुत धन्यवाद।"
इमरान खान
मोदी के बाद इमरान करेंगे UNGA को संबोधित, उठाएंगे कश्मीर का मुद्दा
प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषण के तुरंत बाद UN कार्यालय से निकल गए और थोड़ी देर बाद होने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के संबोधन के लिए नहीं रुके।
इमरान अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठा सकते हैं।
बता दें कि भारत ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 में बदलाव करते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था।
पाकिस्तान भारत के इस फैसले से बौखलाया हुआ है।