ऑस्ट्रेलिया: गर्मी से बचने के लिए सिडनी में काले रंग की छतों पर लगेगी रोक
ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स (NSW) प्रांत की सरकार घरों की काली छतों पर पाबंदी लगाने का विचार कर रही है। यह प्रांत के 2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने की योजना का हिस्सा है। यहां के योजना मंत्री रॉब स्टोक्स ने कहा कि काली छतों पर पाबंदी लगने से 'अर्बन हीट आईलैंड इफेक्ट' पर खासा प्रभाव पड़ेगा और एक अध्ययन के अनुसार इससे राजधानी सिडनी का तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है।
'अर्बन हीट आईलैंड इफेक्ट' क्या होता है?
अर्बन हीट आईलैंड इफेक्ट दुनियाभर के शहरों को प्रभावित करता है, जिसे वहां अधिक गर्मी होती है। दरअसल, ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरों का तापमान 1-13 डिग्री सेल्सियस तक अधिक होता है। शहरों में अधिक इमारतें, कम हरियाली और गर्मी को सोखने वाली कम जगहों की उपलब्धता इसके मुख्य कारण होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शहरों में इमारतों का घनत्व और निर्माण सामग्री का रंग तापमान में अंतर का बड़ा फर्क पैदा करते हैं।
किस रंग की छत बेहतर रहती है?
ऑस्ट्रेलिया सरकार की एक रिसर्च कहती है कि पश्चिमी सिडनी में हल्के रंग की छत घर के भीतर तापमान को औसतन 4 डिग्री सेल्सियस तक कम कर सकती है। इसके अलावा जो निर्माण सामग्री धूप की किरणों को कम सोखती है उसे छत के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जानकार कहते हैं कि सूरज की किरणों को सोखने में हर रंग का अलग बर्ताव होता है, लेकिन कोई भी हल्का रंग बेहतर रहता है।
निर्माण सामग्री का चयन भी महत्वपूर्ण
NSW यूनिवर्सिटी से जुड़ीं प्रोफेसर एंडी पिटमैन ने कहा कि निर्माण सामग्री महत्वपूर्ण होती है और एक जैसा दिखने वाला मैटिरियल तापमान में अंतर पैदा कर सकता है। इसी यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉ ग्लोरिया पिग्नेट्टा ने कहा कि किसी इलाके में किस तरह का निर्माण हुआ है, यह भी तापमान में फर्क पैदा करता है। ऊंची इमारतों के बीच अगर छोटी इमारतों पर हल्के रंग की छत हैं तो यह आसपास के तापमान पर असर डालती है।
धातु भी बेहतर विकल्प नहीं
पिग्नेट्टा ने कहा कि शहरों में बड़ी इमारतों के निर्माण के लिए धातु बेहतर विकल्प नहीं है। सफेद रंग की धातु भी गर्मियों में मुश्किलें खड़ी कर देती है। इसकी बजाय मिट्टी की टाइल्स या दूसरे विकल्प आजमाये जा सकते हैं।
सोलर पैनल पर क्या विचार?
कुछ लोग छतों पर सोलर पैनल भी रखते हैं। इस बारे में बताते हुए पिटमैन ने कहा कि सोलर पैनल गहरे रंग के होते हैं, लेकिन इनका फायदा यह है कि ये सौर ऊर्जा को बिजली में बदलते हैं और इनकी वजह से छत गर्म नहीं होती। वहीं पिग्नेट्टा ने कहा कि ज्यादा तापमान सोलर पैनल की कार्यदक्षता को प्रभावित करते हैं। इसलिए हल्के रंग की छत पर ये ज्यादा कामयाब हो सकते हैं।