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पिंडलियों के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
पिंडलियों के दर्द से राहत दिलाने वाले योगासन

पिंडलियों के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Nov 29, 2021
11:13 pm

क्या है खबर?

पिंडलियों में दर्द होना एक कष्टदायक समस्या है, जिसे नजरअंदाज करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि इसके कारण चलने-फिरने में काफी दिक्कत होने लगती है। इसलिए अगर आपको कभी किसी भी कारणवश पिंडलियों में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से मिले और उनकी बताई दवाओं के सेवन के साथ कुछ योगासनों का अभ्यास करें। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो पिंडलियों के दर्द को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

#1

हस्त पादासन

सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब सांस छोड़ें और कूल्हों की तरफ से मुड़ते हुए नीचे झुकें। ध्यान रहें कि इस दौरान आपके घुटने बिल्कुल सीधे हों और पैर एक−दूसरे के समानांतर हों। इसके बाद अपने हाथों से अपने पंजों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे−धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। यकीनन इस योगासन के नियमित अभ्यास से आपको काफी फायदा होगा।

#2

पूर्वोत्तानासन

पूर्वोत्तानासन के लिए योगा मैट पर दंडासन की स्थिति में बैठें, फिर अपने दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जाएं और हथेलियों को जमीन पर रखें। इसके बाद सामान्य सांस लेते रहें और अपने शरीर को थोड़ा पीछे की ओर झुकाते हुए शरीर को अपनी क्षमतानुसार उठाने की कोशिश करें। इस दौरान अपने सिर को भी पीछे की ओर झुकाएं और अपने तलवों को जमीन से सटाएं। कुछ देर इसी मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

#3

नौकासन

नौकासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर श्वासन की मुद्रा में बिल्कुल सीधे लेट जाएं। इसके बाद अपने दोनों पैरों के पंजों को आपस में जोड़ते हुए उन्हें 45 डिग्री तक सांस भरते हुए उठा लें। अब अपने दोनों हाथों को कंधे की सीध में उठाते हुए घुटनों की तरफ एकदम सीधा रखें। इसी अवस्था में अपने सिर और पीठ को भी उठाएं और नाव का आकार ले लें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे योगासन को छोड़ें।

#4

अश्व संचालनासन

अश्व संचालनासन के लिए योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और पंजे को जमीन पर ही रखते हुए दाएं पैर के घुटने से मोड़े। इसके बाद बाएं पैर को सीधा रखते हुए जितना हो सके शरीर के पीछे ले जाएं। अब अपने दोनों हाथों को दाएं पैर के बराबर में रखें और एकदम सामने की ओर देंखे। इसी मुद्रा में सामान्य रूप से सांस लेते रहें। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।