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वर्टिगो से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
वर्टिगो से राहत दिलाने वाले योगासन

वर्टिगो से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Nov 19, 2021
06:30 am

क्या है खबर?

अगर चलते-चलते या फिर अचानक खड़े होने पर आपका सिर घुमने लगता है और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में समस्या होती है तो आपको बता दें कि ये वर्टिगो के लक्षण हैं। हालांकि, कई लोगों को वर्टिगो के बारे में पता नहीं चलता और समस्या गंभीर होने लगती है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो वर्टिगो से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

#1

सुप्त बद्धकोणासन

सुप्त बद्धकोणासन के लिए पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं, फिर अपने दोनों हाथों और पैरों को अपनी क्षमतानुसार फैला लें। अब पैरों को घुटनों से मोड़कर अपने दोनों तलवों को आपस में मिला लें। इस दौरान अपनी दोनों आंखों को बंद करके सामान्य गति से सांस लेते रहें। कुछ सेकंड के बाद आसन को धीरे-धीरे छोड़ दें। आप चाहें तो अपनी पीठ के नीचे सपोर्ट के लिए कोई मुलायम तकिया भी रख सकते हैं।

#2

पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तानासन के लिए पहले योग मैट पर अपने दोनों पैरों को आपस में सटाक और आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं। अब दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं, फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और माथे को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़ने का प्रयास करें। कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें, फिर गहरी सांस लेते हुए सामान्य हो जाएं।

#3

हलासन

हलासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं, फिर अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें। अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं, फिर सांस छोड़ते हुए टांगों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा ही रखें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

#4

बालासन

बालासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं, फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए वापस वज्रासन की मुद्रा में आ जाएं और सामान्य हो जाएं।