उत्तानासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
क्या है खबर?
योग विज्ञान में शरीर के हर अंग की समस्या को ध्यान में रखते हुए कई आसन मौजूद हैं। उन्हीं योग आसनों में से एक उत्तानासन है, जिसे हस्तपादासन भी कहा जाता है।
इसके अभ्यास से पूरी पीठ पर खिंचाव आता है। यह योगासन सिर से लेकर पैर तक के हिस्से पर प्रभाव डालता है।
नियमित रूप से इसके अभ्यास से स्वास्थ्य संबंधी कई लाभ मिलते हैं।
आइये आज इसी प्राचीन योग मुद्रा के बारे में महत्वपूर्व बातें जानते हैं।
इतिहास
क्या है उत्तानासन?
उत्तानासन का नाम 2 संस्कृत शब्दों से लिया गया है। पहला 'उत्तान' यानी तेजी से खिंचाव और दूसरा 'आसन' यानी मुद्रा।
इस योगासन के अभ्यास के दौरान सिर आपके हृदय के नीचे होता है, जिससे खून का प्रवाह पैरों में होने की बजाय सिर की तरफ होता है। इससे दिमाग में खून और ऑक्सीजन की अच्छी मात्रा पहुंचती है।
इसके अलावा यह योगासन हठ योग की शैली का आसन है, जिसे करने की अवधि 15-30 सेकंड के बीच होनी चाहिए।
तरीका
उत्तानासन करने का तरीका
उत्तानासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
अब सांस छोड़ते हुए और कूल्हों की तरफ से मुड़ते हुए नीचे की ओर झुकें। इस दौरान आपके घुटने बिल्कुल सीधे होने चाहिए और पैर एक−दूसरे के समानांतर।
इसके बाद अपने दोनों हाथों से पंजों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे−धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
फायदे
उत्तानासन के अभ्यास से मिलने वाले फायदे
रोजाना ठीक तरीके से उत्तानासन के अभ्यास से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
इस आसन से रीढ़ और उसके आसपास की मांसपेशियां फैलती है, जिससे तनाव से छुटकारा मिलता है। इससे रीढ़ की हड्डी अधिक लचीली होती है।
यह खून के प्रवाह को बढ़ाता है, कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को कम करता है और जांघों को मजबूत करता है।
इसके अलावा यह थकान, तनाव और चिंता को भी दूर करता है।
सावधानी
कौन इस योगासन का अभ्यास नहीं कर सकता?
अगर आपकी पीठ के निचले हिस्से में चोट लगी है, तो इस आसन को करने से बचें।
ऐसे लोग जो स्पॉन्डिलाइटिस, गर्दन के दर्द और सर्वाइकल संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो उन्हें भी इसके अभ्यास से बचना चाहिए।
इसके अलावा गर्भवती महिलाएं, रक्तचाप की समस्या, चक्कर आने की शिकायत, हर्निया रोगी, अल्सर या पेट में सूजन वाले लोगों को भी इसे बिल्कुल नहीं आजमाना चाहिए।
यह योगासन इन लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।