साइटिका: जानिए पीठ की समस्या के कारण, लक्षण और बचाव
साइटिका शरीर में मौजूद सबसे बड़ी नस 'साइटिका' में होने वाली परेशानी है। साइटिका नस कमर के निचले हिस्से से शुरू होकर कूल्हों से होती हुई एड़ियों तक जाती है। यही कारण है कि इसमें आने वाली समस्या आपके कमर के नीचे के पूरे भाग को प्रभावित करती है। आइए आज हम आपको इस समस्या के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में बताते हैं ताकि समय रहते इससे बचा जा सके।
साइटिका के कारण
साइटिका का मुख्य कारण साइटिका नस पर चोट लगना या इस पर दबाव पड़ना हो सकता है। इसके अतिरिक्त, रीढ़ के हड्डी में असंतुलन, स्पाइनल स्टेनोसिस की समस्या, पिरिफोर्मिस सिंड्रोम और पेल्विक की चोट भी इसके कारण हो सकते हैं। ट्यूमर भी इस समस्या को पैदा करने का कारण बन सकता है। आमतौर पर 30 से 50 साल की आयु के बीच इस समस्या के होने की संभावना बढ़ जाती है।
साइटिका से जुड़े लक्षण
पीठ के निचले हिस्से में दर्द और झनझनाहट महसूस होना साइटिका की समस्या के मुख्य लक्षण हैं। मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होना, पैरों में सुन्नपन का अहसास, उठने-बैठने में काफी परेशानी होना भी साइटिका के लक्षण हैं। किसी एक पैर में तेज दर्द होना या पैरों की उंगलियों में दर्द होना भी साइटिका के लक्षण हैं। अगर आपको ये लक्षण दिखने लगे तो डॉक्टर से संपर्क करें।
साइटिका का कैसे पता लगाया जा सकता है?
अगर आपको खुद में साइटिका की समस्या के लक्षण दिखने लगें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि समय रहते समस्या के जोखिमों को कम किया जा सके। इसके लिए डॉक्टर आपको CT स्कैन और MRI स्कैन कराने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा साइटिका का पता लगाने के लिए डिस्कोग्राम टेस्ट या माइलोग्राम टेस्ट को भी बेहतर माना जाता है। इससे पीठ की स्थिति का पता लगाना आसान होता है।
साइटिका का इलाज
फिजिकल थेरेपी साइटिका का इलाज हो सकता है। इसके अतिरिक्त डॉक्टर आपको कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) कराने की सलाह दे सकते हैं। अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो डॉक्टर आपको सर्जरी करवाने को भी कह सकते हैं। इसके लिए आपके पास दो विकल्प (लम्बर लैमिनेक्टॉमी और डिस्केक्टॉमी) हो सकते हैं। हालांकि, जीवनशैली में थोड़ा सुधार करके भी इस समस्या से सुरक्षित रहा जा सकता है।