रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
अगर रीढ़ की हड्डी मजबूत और लचीली न हो तो इसके कारण आपको स्लिप डिस्क और सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी में किसी भी तरह की परेशानी बॉडी पॉश्चर को भी बिगाड़ सकती है जिसका प्रभाव आपकी पर्सनैलिटी पर पड़ता है। हालांकि कुछ योगासन आपकी रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाने में मदद कर सकते हैं। आइए आज ऐसे ही योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं।
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं। अब अपने पैरों को घुटनों से मोड़ें और अपने दोनों हाथों को एड़ियों के करीब लाने की कोशिश करें। इसके बाद अपने कूल्हे और पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। अब कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। कुछ देर विश्राम के बाद इस योगासन का दोबारा अभ्यास करें।
मार्जरी आसन
मार्जरी आसन का अभ्यास करने के लिए योगा मैट पर वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं और फिर हाथों को आगे की ओर फैलाकर घुटनों के बल आ जाएं। अब सांस लेते हुए कमर को नीचे की ओर करें और गर्दन को ऊपर उठाएं। कुछ सेकंड ऐसे ही बने रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए रीढ़ की हड्डी को ऊपर करें और गर्दन को नीचे की ओर झुकाएं। कुछ सेकंड इसी अवस्था में बने रहें और फिर सामान्य हो जाएं।
मत्स्यासन
इस योगासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की अवस्था में एकदम सीधे बैठ जाएं। अब अपनी पीठ की दिशा में झुकें और अपने सिर को जमीन से सटाने की कोशिश करें। इसके बाद अपने पैरों की उंगलियों को पकड़ें और जितना संभव हो सके उतनी देर इसी मुद्रा में रूकने की कोशिश करें या फिर कुछ मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
मकरासन
मकरासन करने के लिए योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को मोड़कर कोहनियों की नोक को जमीन पर टिकाएं। अब अपने सिर को झुकाकर ठुड्डी को अपनी दोनों हाथों की हथेलियों पर रखें। इसके बाद सांस भरते हुए अपने दाएं पैर को मोड़ें और फिर सांस छोड़ते हुए इसे सीधा कर लें। इस प्रक्रिया को दूसरे पैर से भी इसी तरह दोहराएं। फिर कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।