हाई ब्लड शुगर को प्राकृतिक रूप से कम करने के लिए अपनाएं ये तरीके
जब शरीर में रक्त शर्करा का स्तर अधिक हो जाता है तो इस स्थिति को हाई ब्लड शुगर या फिर हाइपरग्लेसेमिया कहा जाता है। बता दें कि इस स्थिति में शरीर रक्त शर्करा का स्तर 200 से ऊपर चला जाता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क है। वहीं, आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप प्राकृतिक रूप से हाई ब्लड शुगर को कम करने में कामयाब हो सकते हैं।
संतुलित आहार और शारीरिक सक्रियता पर ध्यान दें हाइपरग्लेसेमिया रोगी- डॉ अकांक्षा सक्सेना
संतुलित आहार को डाइट में शामिल करने के साथ-साथ मध्यम तीव्रता वाले व्यायाम जैसे तेज चलना, ब्रिस्क वॉक आदि का अभ्यास करने से हाई ब्लड शुगर को कम करने में काफी मदद मिल सकती है। अच्छा होगा कि हाई मधुमेह के रोगी कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और उच्च फाइबर से युक्त चीजों का सेवन करें। इसके साथ ह रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से बचें। समय-समय डॉक्टरी जांच करवाते रहें।
व्यायाम करना न भूलें
नियमित रूप से व्यायाम करना आपके वजन को नियंत्रित करते हुए आपकी इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है। इंसुलिन संवेदनशीलता में वृद्धि से आपकी कोशिकाओं को आपके रक्त में शर्करा का अधिक उपयोग करने में मदद मिलेगी। हाई ब्लड को कम करने के लिए आप ब्रिस्क वॉक, रनिंग, डांसिंग या रेजिस्टेंस एक्सरसाइज जैसे लेग रेज या स्क्वैट्स आदि कर सकते हैं। सप्ताह में पांच दिन कम से कम तीन बार 10 मिनट तक व्यायाम करें।
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का करें सेवन
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे सब्जियां, फलियां, फल और साबुत अनाज खाने से चीनी के अवशोषण और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में मदद मिल सकती है। अध्ययनों के अनुसार, उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से टाइप-2 मधुमेह को 15-19 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। इसके लिए महिलाओं को रोजाना 25 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए, जबकि पुरुषों को रोजाना 35 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए।
पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना है जरूरी
रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करने से न सिर्फ शरीर को हाइड्रेट रखा जा सकता है बल्कि इससे हाई ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में भी मदद मिल सकती है। पानी आपके शरीर से अतिरिक्त चीनी या ग्लूकोज को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप आपको हाई ब्लड शुगर प्राकृतिक रूप से कम करने में मदद मिल सकती है। इसलिए नियमित रूप से खूब पानी पिएं।
अच्छी गुणवत्ता की नींद लें
खराब स्लीप साइकिल भी हाई ब्लड शुगर का कारण हो सकती है और इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकती है। नींद की कमी आपके कोर्टिसोल के स्तर को भी बढ़ाती है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है। वहीं, इससे टाइप-2 मधुमेह और हृदय रोगों के जोखिम भी बढ़ते हैं और यह बढ़ते वजन की समस्या भी उत्पन्न कर सकता है। नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार, वयस्कों के लिए रोजाना सात से आठ घंटे की नींद लेना जरूरी है।