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मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
मांसपेशियों के दर्द को दूर करने वाले योगासन

मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Nov 10, 2021
06:30 am

क्या है खबर?

आमतौर पर अधिक वर्कआउट करने या फिर गलत तरीके से एक्सरसाइज करने आदि के कारण मांसपेशियों में दर्द उत्पन्न हो सकता है। खैर, वजह चाहें जो भी हो, इस समस्या को नजरअंदाज न करें क्योंकि इसके कारण दैनिक गतिविधियां करना काफी मुश्किल हो जाता है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

#1

कपोतासन

कपोतासन के लिए पहले योगा मैट पर घुटने के बल खड़े हो जाएं, फिर अपने हाथों को सामने की ओर से ऊपर उठाकर शरीर को वक्र का आकार देते हुए पीछे की ओर ले जाएं और अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें। अब इसी मुद्रा में रहते हुए अपने सिर को एडियों के बीच रखें। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पैरों की एडियों को पकड़ें। अपनी क्षमतानुसार इस मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

#2

हस्त पादासन

सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब सांस छोड़ें और कूल्हों की तरफ से मुड़ते हुए नीचे झुकें। ध्यान रहें कि इस दौरान आपके घुटने बिल्कुल सीधे हों और पैर एक−दूसरे के समानांतर हों। इसके बाद अपने हाथों से अपने पंजों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे−धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। यकीनन इस योगासन के नियमित अभ्यास से आपको काफी फायदा होगा।

#3

जानुशीर्षासन

जानुशीर्षासन के लिए पहले योगा मैट पर दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं, फिर अपने दाएं घुटने को मोड़ते हुए बाईं जांघ के सहारे लगा लें। अब अपने शरीर को आगे की तरफ झुकाएं और बाएं पैर के अंगूठे को दोनों हाथों से पकड़ने की कोशिश करें। इसी मुद्रा में अपने सिर को घुटने से छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। इस प्रक्रिया को दूसरे पैर से भी दोहराएं।

#4

बालासन

बालासन के लिए पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं, फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए वापस वज्रासन की मुद्रा में आ जाएं और सामान्य हो जाएं।