दिल को स्वस्थ रखने के लिए 20 साल की उम्र से रखें इन बातों का ध्यान
साल 2020 में कई लोगों को हृदय संबंधित बीमारियां हुईं और बहुत कम उम्र में ही लोग हार्ट अटैक के शिकार हुए। इसकी सबसे बड़ी वजह खराब जीवनशैली है। अगर 20 से 30 साल की उम्र से ही आदतों में सुधार किया जाए और जीवनशैली को ठीक कर लिया जाए तो हृदय संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि इसके लिए 20 साल की उम्र से क्या करना चाहिए।
परिवार के स्वास्थ्य इतिहास को जानने की जरूरत
हर किसी को अपने परिवार के स्वास्थ्य इतिहास के बारे में पता होना चाहिए। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि अगर किसी के परिवार में हृदय संबंधी बीमारियों का इतिहास है तो आपको भी वही समस्याएं होंगी। हालांकि इसकी वजह से हृदय रोग और स्ट्रोक की संभावना बढ़ने का जोखिम ज्यादा रहता है। इसी कारण परिवार के स्वास्थ्य इतिहास को जानें और भविष्य में बचाव के लिए सही कदम उठाएं।
शुरुआत से ही धूम्रपान से परहेज करें
नियमित रूप से धूम्रपान करने से कोरोनरी धमनी रोग का खतरा बढ़ जाता है। यह रक्त वाहिकाओं को गाढ़ा और संकुचित कर सकता है, जिससे प्लाक का निर्माण भी बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए अगर धूम्रपान से दूरी बना ली जाए तो इसके एक साल बाद कोरोनरी हृदय रोग विकसित होने का जोखिम आधा हो जाता है। वहीं धूम्रपान छोड़ने के पांच साल बाद इसका खतरा पूरी तरह से कम हो सकता है।
डाइट का ध्यान रखें
अस्वस्थ भोजन या जंक फूड खाने से उच्च ब्लड प्रेशर, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, टाइप -2 मधुमेह और कोरोनरी रोग विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या खाते हैं। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा का सेवन करें। इसके अलावा मीठे स्नैक्स, ट्रांस वसा से भरपूर खाद्य पदार्थों और अतिरिक्त नमक से दूर रहें।
एक्टिव रहें
भविष्य में स्वस्थ रहने के लिए 20 साल की उम्र से ही खुद की जीवनशैली में अच्छी आदतों को शामिल कर लेना चाहिए। इसके लिए दौड़ना, साइकिल चलाना और स्विमिंग करना जैसी कार्डियो एक्सरसाइज को वर्कआउट शेड्यूल में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा अगर आप रोजाना एक्सरसाइज नहीं कर सकते हैं तो HIIT एक्सरसाइस करने की कोशिश करें क्योंकि यह कम समय में ज्यादा असरदार होती है।
पर्याप्त नींद लेना भी है जरूरी
एक बालिग व्यक्ति के लिए सात से नौ घंटे की नींद पर्याप्त होती है। इस अवधि से ज्यादा सोने से भी हृदय का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। खराब नींद के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और इसकी वजह से एक्सरसाइज करने की इच्छा भी कम हो सकती है। यह सब हृदय के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। इसके अतिरिक्त पर्याप्त नींद नहीं लेने से मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक सेहत पर भी खराब असर पड़ता है।