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मानसून में बढ़ जाता है इन पांच तरह के बुखार का खतरा
मानसून के दौरान होने वाले पांच तरह के बुखार

मानसून में बढ़ जाता है इन पांच तरह के बुखार का खतरा

लेखन अंजली
Jul 16, 2022
06:00 am

क्या है खबर?

जहां मानसून की बारिश वाला सुहावना मौसम गर्मी से कुछ राहत देता है, वहीं यह कई बीमारियों और वायरल संक्रमणों को साथ लाता है। इसका मुख्य कारण है कि इस दौरान वायरस और बैक्टीरिया सबसे अधिक सक्रिय होते हैं, जो लोगों को वायरल बुखार से घेर सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरल बुखार COVID-19, मलेरिया या डेंगू भी हो सकता है। आइए आज हम आपको मानसून में होने वाले पांच बुखार के बारे में बताते हैं।

#1

मलेरिया बुखार

मादा एनोफिलीज मच्छर के कारण होने वाला मलेरिया बुखार मानसून में होना काफी आम है। यह एक संक्रमित मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है, जो ज्यादातर जलभराव वाले क्षेत्रों में पैदा होता है। मलेरिया के सामान्य लक्षणों में बुखार, तेज ठंड लगना, सिरदर्द, कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। अगर जल्दी ही इस बुखार का इलाज न किया जाए तो यह मस्तिष्क क्षति, निम्न रक्त शर्करा या मुख्य शारीरिक अंग खराब करने का कारण बन सकता है।

#2

वायरल बुखार

मानसून के दौरान वायरल बुखार होना भी सामान्य बात है, जिसके लक्षण सर्दी, नाक बहना, सिरदर्द, बुखार, थकान और खांसी हैं। यह वायरल बुखार आमतौर पर सामान्य एंटी-वायरल के प्रति प्रतिक्रिया करता है और तीन से सात दिनों तक रहता है। हालांकि कोई भी दवा लेना शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें क्योंकि यह COVID-19 के शुरूआती लक्षण भी हो सकते हैं।

#3

चिकनगुनिया बुखार

चिकनगुनिया भी मच्छर के काटने पर होने वाला बुखार है, जो मुख्य रूप से एडीज इजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के काटे जाने के बाद मनुष्य को होता है। ये मच्छर कूलर, पौधों, बर्तनों, पानी के पाइप आदि में पाए जाने वाले रुके हुए पानी में पैदा होते हैं। वहीं, इसके लक्षण मच्छर के काटने के चार-आठ दिनों के बाद सामने आते हैं। चिकनगुनिया के लिए अभी भी कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।

#4

टाइफाइड बुखार

साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होना वाला टाइफाइड भी एक तरह का बुखार है, जो दूषित, खुला या खराब भोजन और पानी से फैलता है। टाइफाइड एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है और आपके शरीर के विभिन्न अंगों में फैल सकता है। इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, कमजोरी, गले में खराश, मतली और उल्टी शामिल हैं। कुछ गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने और दवाएं लेने के बाद भी यह बुखार बना रह सकता है।

#5

लेप्टोस्पाइरोसिस

लेप्टोस्पायरोसिस एक जीवाणु संक्रमण है, जो तब होता है जब आपकी आंखें, नाक, त्वचा या मुंह में दूषित पानी से संक्रमण होता है। दूषित भोजन या पानी का सेवन करने से आप इस संक्रमण के संपर्क में आ सकते हैं। यह संक्रमण ज्यादातर भारी वर्षा वाले क्षेत्रों को होता है। इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, उल्टी, चकत्ते और पेट दर्द शामिल हैं। हालांकि, लेप्टोस्पायरोसिस का इलाज उचित दवा से किया जा सकता है।