बवासीर की समस्या से राहत दिलाने में मददगार हैं ये 5 योगासन, इस तरह करें अभ्यास
क्या है खबर?
बवासीर की समस्या को हेमोरॉयड्स या पाइल्स भी कहा जाता है। यह समस्या खराब जीवनशैली, बिगड़े हुए खान-पान, मोटापे आदि के कारण हो सकती है।
इससे राहत पाने के लिए अधिकतर लोग दवाइयों पर निर्भर रहते हैं, लेकिन भारत के महान योग गुरुओं ने इस समस्या से ग्रस्त लोगों के लिए असरदार योगासन बताएं हैं। इन योगासन के नियमित अभ्यास से बवासीर की समस्या से राहत मिलती है।
आइए आज ऐसे ही 5 योगासन के बारे में जानते हैं।
#1
बालासन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं।
अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस स्थिति में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी।
कुछ सेकंड इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
यह योगासन आपके कूल्हों और बवासीर के कारण होने वाली जलन से आराम दिला सकता है।
#2
विपरीत करणी
यह योग बेहद आसान है और इसे करने से बवासीर की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।
सबसे पहले एक दीवार के पास बैठें और फिर योगा मैट पर लेट जाएं।
अब कूल्हों को दीवार के पास ले जाएं और फिर पैरों को सीधा ऊपर उठाएं।
इस दौरान दोनों हाथों को बगल में रखें और अपना ध्यान सांस पर रखें। कुछ मिनट तक इसी स्थिति में रहें और फिर सामान्य हो जाएं।
#3
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन के लिए योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और फिर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए छाती के पास ले आएं।
अब दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और उंगलियों को आपस में कस लें।
इसके बाद सिर और कंधों को जमीन से उठाते हुए नाक को दोनों घुटनों के बीच में लगाने की कोशिश करें।
इससे पीड़ित क्षेत्र में रक्त प्रवाह में सुधार होता है और सूजन की समस्या भी कम होती है।
#4
बद्ध कोणासन
बद्ध कोणासन के लिए योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को मोड़कर बैठ जाएं। इस दौरान पैरों के तलवे एक-दूसरे को आपस में छू रहे होने चाहिए।
अब रीढ़ को सीधा रखते हुए दोनों हाथों से तलवों को पकड़ लें और अपने दोनों घुटनों को आराम-आराम से तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें।
इससे जांघ, कूल्हों, घुटनों और कमर की मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिस कारण बवासीर की समस्या से राहत मिलती है।
#5
हलासन
हलासन के लिए सबसे पहले मैट बिछाकर पीठ के बल सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें।
अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं।
इस दौरान हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा रखें और फिर कुछ सेकंड के बाद सामान्य हो जाएं।
यह आसन रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मददगार है।