सोरायसिस: जानिए त्वचा से जुड़ी इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
सोरायसिस (Psoriasis) त्वचा से जुड़ा एक गंभीर रोग है। यह त्वचा कोशिकाओं के जीवन चक्र को प्रभावित करता है। इस रोग से प्रभावित व्यक्ति की त्वचा लाल और सफेद परतदार सी दिखती है। इससे खुजली और जलन जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। अगर समय रहते इस रोग के इलाज पर ध्यान ना दिया जाए तो स्थिति बहुत दर्दनाक हो सकती है। आइए आज इस रोग के प्रकार, कारण, लक्षण और बचाव के उपाय जानते हैं।
सोरायसिस के प्रकार
प्लाक सोरायसिस: इससे ग्रस्त व्यक्तियों के घुटने, कोहनी, स्कैल्प या पीठ के निचले हिस्से पर लाल-सफेद रंग के पैच पड़ जाते हैं। नेल सोरायसिस: यह हाथ और पैर की उंगलियों को प्रभावित करता है। गुटेट सोरायसिस: यह हाथ और पैरों को प्रभावित करता है। इनवर्स सोरायसिस: यह नितंबों और स्तनों के पास होता है। पस्टुलर सोरायसिस: यह दुर्लभ है और इसमें बाहों और तलवों पर मवाद भरे फफोले होते हैं। एरिथ्रोडार्मिक सोरायसिस: इसमें पूरे शरीर पर चकत्ते होते हैं।
सोरायसिस का खतरा बढ़ाने वाले कारक
यह रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन इसके सबसे ज्यादा मामले 15 से 35 और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के आते हैं। ठंडा तापमान, रूखी त्वचा, त्वचा पर चोट लगना और लंबे समय तक कुछ दवाओं का सेवन इस रोग के कारण बन सकते हैं। इसके अतिरिक्त, शराब का अधिक सेवन, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता या सनबर्न भी इस स्थिति को उत्पन्न कर सकते हैं।
सोरायसिस के लक्षण
सोरायसिस से जुड़े लक्षण और उनकी स्थिति हर व्यक्ति में भिन्न होती है। आमतौर पर इससे ग्रस्त लोग अपनी त्वचा पर लाल-सफेद रंग परतदार धब्बों का अनुभव करते हैं। इसके अतिरिक्त खुजली, त्वचा का मोटा होना, त्वचा पर जलन महसूस करना, जोड़ों में दर्द, त्वचा में दर्द होना और नाखूनों में तरह-तरह के बदलाव होना आदि सोरायसिस के लक्षण हैं।
सोरायसिस का कैसे पता लगाया जा सकता है?
सोरायसिस का पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें ताकि वह कुछ टेस्ट के बाद आपको इसके बारे में बता सके। इसके लिए डॉक्टर आपको पैच टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर आपको स्किन प्रिक टेस्ट और स्किन बायोप्सी कराने का निर्देश भी दे सकते हैं। इसी तरह डॉक्टर आपको डर्मोस्कोपी कराने को भी कह सकते हैं।
सोरायसिस का इलाज और बचाव के उपाय
सोरायसिस से प्रभावित लोगों को आमतौर पर डॉक्टर्स कुछ विशेष क्रीम, लोशन और शैंपू का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। त्वचा विशेषज्ञ इस रोग का इलाज करने के लिए इसकी गंभीरता के आधार पर स्टेरॉयड या इंजेक्शन भी दे सकते हैं। अगर आप इस रोग से खुद को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो त्वचा को साफ और मॉइस्चराइज रखें। साथ ही स्वस्थ जीवनशैली का पालन करें।