बोन रिसॉर्प्शन: जानिए हड्डियों से जुड़ी इस समस्या के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
हमारे शरीर में अपने आप ही पुरानी हड्डियां हटती रहती हैं, जिसे पुनरुत्थान (resorption) कहा जाता है और उनकी जगह नई हड्डियां (ossification) बनती रहती हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि जब यह प्रक्रिया उच्च दर पर होती है, तब हड्डियों के घनत्व में कमी ला सकती है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या को बोन रिसॉर्प्शन कहा जाता है। आइए बोन रिसॉर्प्शन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
बोन रिसॉर्प्शन क्या है?
बोन रिसॉर्प्शन हड्डियों से जुड़ी एक समस्या है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति का शरीर ओस्टियोक्लास्ट के माध्यम से क्षतिग्रस्त या कमजोर हड्डियों के टिश्यूज को तोड़ता है। शरीर में पुरानी हड्डियां टिश्यूज की वजह से ही पुरानी से नई बनती हैं, लेकिन जब इन्हीं टिश्यूज को नुकसान पहुंचता है तो बोन रिसॉर्प्शन होता है। बोन रिसॉर्प्शन शरीर के विभिन्न भागों में हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह दांतों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
बोन रिसॉर्प्शन के लक्षण
इस समस्या के शुरूआती लक्षणों में जबड़े की हड्डी प्रभावित होती है। जैसे-जैसे स्थिति गंभीर होने लगती है, वैसे-वैसे चेहरे की बनावट में भी बदलाव देखने को मिल सकता है और कुछ भी चबाते समय परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा मुंह के आसपास झुर्रियां, दांतों का ढीला होना, सिर दर्द, जबड़े में दर्द, चेहरे में दर्द और बोलने में कठिनाई भी इस बीमारी के लक्षण हैं।
बोन रिसॉर्प्शन होने के कारण
इस समस्या को ट्रिगर करने के कई कारक हैं। मसूड़ों की बीमारी और दांतों की गलत तरीके से सफाई जैसे कई कारणों से बोन रिसॉर्प्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। पोषक तत्वों की कमी और दांतों के खराब होने पर भी बोन रिसॉर्प्शन हो सकता है। इसके अतिरिक्त कुछ दवाइयों का लंबे समय तक सेवन करने से भी बोन रिसॉर्प्शन होने का खतरा बढ़ सकता है।
बोन रिसॉर्प्शन का उपचार और सावधानियां
अगर दांतों की सफाई पर अतिरिक्त ध्यान दिया जाए तो इन्हें बोन रिसॉर्प्शन से सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके लिए रोजाना दो बार फ्लॉस और ब्रश करें। इस समस्या के उपचार की बात करें तो इसके लिए डॉक्टर माइनर पीरियडोंटल सर्जरी या रूट कैनाल प्रक्रिया को अपना सकते हैं। इन उपचार के जरिए डॉक्टर बोन रिसॉर्प्शन को बढ़ावा देने वाले हानिकारक तत्वों और टिश्यूज को दांतों से निकाल देते हैं।