त्वचा के लिए एंटी-एजिंग की तरह काम करते हैं ये पांच योगासन, ऐसे करें अभ्यास
योगाभ्यास न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है बल्कि त्वचा की बनावट में भी सुधार करती है और झुर्रियों को कम करता है। ऐसे कई योगासन हैं, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं और रक्त परिसंचरण, शारीरिक शक्ति और लचीलेपन में सुधार करके आपको युवा और तरोताजा बनाए रख सकते हैं। आइए आज हम आपको पांच ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो त्वचा के लिए एंटी-एजिंग की तरह काम करते हैं।
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पैरों को फैलाकर खड़े हो जाएं और हाथों को कंधे की सीध में फैला लें, फिर दाएं पैर को 90 डिग्री घुमाएं और शरीर को दाईं तरफ घुमाकर गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। इसके बाद इस प्रक्रिया को विपरीत दिशा से दोहराएं।
वृक्षासन
वृक्षासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर दोनों पैरों को आपस में जोड़ते हुए सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं, फिर शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की मदद से बायां तलवा दायीं जांघ पर रख लें। अब अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की अवस्था में आ जाएं। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहकर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम देकर आसन को दोहराएं।
सिंहासन
सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की स्थिति में बैठकर अपने घुटनों को खोल लें, फिर अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों के ऊपर रखें। इसके बाद चेहरे की मांसपेशियों पर दबाव डालते हुए जीभ को बाहर निकालें और मुंह खोलकर शेर की तरह दहाड़ लगाएं। कुछ मिनट तक ऐसा करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। लाभ के लिए तीन से पांच बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
धनुरासन
धनुरासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं, फिर अपने दोनों घुटनों को अपनी कमर की तरफ से मोड़े और हाथों से टखनों को पकड़ें। इसके बाद सांस लेते हुए अपने पूरी शरीर को इस प्रकार ऊपर उठाने की कोशिश करें कि शरीर का आकार धनुष के समान लगे। अब अपनी क्षमता के हिसाब से इस मुद्रा में रहे और धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें, फिर कुछ सेकेंड बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
भारद्वाजासन
भारद्वाजासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन अवस्था में बैठ जाएं, फिर अपने बाएं पैर को घुटने से मोड़ें। अब अपने दाएं पैर के पंजे को बाहिनी जांघ पर रखें और पीठ के पीछे से अपने दाएं हाथ से दाएं पैर के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें। वहीं, बाएं हाथ को दाएं घुटने पर रखें। इसके बाद अपनी कमर को दाईं ओर ट्विस्ट करें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद सामान्य हो जाएं।