पीठ को मजबूत करने में सहायक हैं ये योगासन, जानिए अभ्यास का तरीका
लंबे समय तक काम करने या गलत बॉडी पॉश्चर रखने का खामियाजा हमेशा पीठ को भुगतना पड़ता है। हालांकि, योग के आपकी पीठ को इन कारणों से बचाते हुए मजबूत बनाए रखने में काफी सहयोग प्रदान कर सकता है। आइए आज हम आपको पांच ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो आपकी पीठ को मजबूत करने के समेत तनाव और पीठ दर्द से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं।
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पैरों को फैलाकर खड़े हो जाएं और हाथों को कंधे की सीध में फैला लें, फिर दाएं पैर को 90 डिग्री घुमाएं और शरीर को दाईं तरफ घुमाकर गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। इसके बाद इस प्रक्रिया को विपरीत दिशा से दोहराएं।
ताड़ासन
ताड़ासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं, फिर दोनों हाथों को आसमान की ओर सीधा उठाकर अपनी उंगलियों को आपस में फंसा लें। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए पंजों के बल खड़े हों और शरीर को ऊपर की ओर खीचने की कोशिश करें। जब शरीर पूरी तरह तन जाए तो इस मुद्रा में कुछ देर बने रहें और सांस लेते रहें। अंत में सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
अर्धमत्स्येन्द्रासन
सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं, फिर अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं घुटने के ऊपर से इसके किनारे पर रख लें। इसके बाद बाएं घुटने को मोड़कर इसकी एड़ी को दाएं कूल्हे के नीचे रखें और बाएं हाथ से दाएं टखने को पकड़ने की कोशिश करें। इस दौरान दाएं हाथ को कमर के पीछे रखें। कुछ सेकंड इसी स्थिति में बने रहें और धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
बालासन
बालासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं, फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
भुजंगासन
भुजंगासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। कुछ देर बाद इस योगासन को फिर से दोहराएं।