समय से पहले सफेद बालों से बचने के लिए रोजाना करें इन पांच योगासनों का अभ्यास
क्या है खबर?
बढ़ती उम्र के साथ बाल सफेद होना आम बात है, लेकिन आजकल कम उम्र में ही कई लोगों के बाल सफेद हो रहे हैं।
बालों में मेलनिन नाम का पिग्मेंट पाया जाता है, जो उम्र बढ़ने के साथ-साथ इसका बनना कम हो जाता है और बाल सफेद होने लगते हैं।
अगर आप समय से पहले अपने बाल सफेद होने की समस्या से बचना चाहते है तो इसके लिए रोजाना इन योगासनों का अभ्यास करें।
#1
मत्स्यासन
मत्स्यासन के लिए सबसे पहले योग मैट पर पद्मासन की अवस्था में एकदम सीधे बैठ जाएं, फिर अपनी पीठ की दिशा में झुकें और अपने सिर को जमीन से सटाने की कोशिश करें।
अब अपने पैरों की उंगलियों को पकड़े और जितना संभव हो सके उतनी देर इसी मुद्रा में रूके रहने की कोशिश करें।
कुछ मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
#2
भुजंगासन
भुजंगासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं।
अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें।
कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं और फिर कुछ देर बाद इस योगासन को फिर से दोहराएं।
#3
अधोमुख श्वानासन
इस योगासन के लिए पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
अब सामने की तरफ झुकते हुए अपने हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
इस योगासन में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए। कुछ मिनट इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#4
हलासन
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं, फिर अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें।
अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए टांगों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा ही रखें।
इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
#5
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछाकर उस पर घुटनों के बल बैठ जाएं और फिर घुटनों के बल ही खड़े हो जाएं।
अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें और दाईं हथेली को दाईं एड़ी पर और बाईं हथेली को बाईं एड़ी पर रखने की कोशिश करें।
इस मुद्रा में कम से कम एक-दो मिनट रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं और कुछ मिनट विश्राम करें।