Page Loader
शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं ये पांच योगासन
शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले योगासन

शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं ये पांच योगासन

लेखन अंजली
Jul 29, 2022
09:36 am

क्या है खबर?

हीमोग्लोबिन हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है। यह अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है और कार्बनडाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकालने के लिए फेफड़ों तक पहुंचाता है। कम हीमोग्लोबिन के स्तर से एनीमिया हो सकता है, जहां रक्त में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है। आइए आज हम आपको पांच ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो शरीर में प्राकृतिक रूप से हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

#1

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें, फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें। कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।

#2

विपरीतकरणी आसन

विपरीतकरणी आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठा कर 90 डिग्री का कोण बना लें। ध्यान रखें कि आपके तलवे ऊपर की ओर होने चाहिए। इसके बाद अपने नितंब को ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम दो-तीन मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। इसके बाद दोबारा इस योगासन का अभ्यास करें।

#3

सर्वांगासन

सर्वांगासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेटकर दोनों हाथों को शरीर से सटाकर सीधा कर लें। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए पैरों, कूल्हों और कमर को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। साथ ही हाथों से कमर को सहारा देते हुए कोहनियों को जमीन से सटा लें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहें और धीरे-धीरे वापस अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। नियमित रूप से इस योगासन का कुछ मिनट अभ्यास जरूर करें।

#4

शीतली प्राणायाम

सबसे पहले योगा मैट पर किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं और आंखें बंद करें। अब अपने हाथों को ज्ञानमुद्रा में घुटनों पर रखकर अपनी जीभ से नली का आकार बना लें। दोनों किनारों से जिह्वा को मोड़कर पाइप का आकार बना लें, फिर इसी स्थिति में लंबी और गहरी सांस लेकर जीभ को अन्दर करके मुहं को बंद कर लें। इसके बाद अपनी नाक के जरिए धीरे-धीरे सांस निकालें। इस प्रक्रिया को कम से कम 20-25 बार दोहराएं।

#5

भ्रामरी प्राणायाम

भ्रामरी प्राणायाम के लिए योगा मैट पर पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर अपने कानों के पास लाएं और अंगूठों से अपने दोनों कानो को बंद करें, फिर हाथों की तर्जनी उंगलियों को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को बंद आंखों के ऊपर रखें। इसके बाद मुंह बंद करें और नाक से सांस लेते हुए ओम का उच्चारण करें। कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे प्राणायाम को छोड़ दें।