मधुमेह की समस्या को नियंत्रित करने के लिए इन योगासनों का करें अभ्यास, मिलेगा फायदा
योग के नियमित अभ्यास से मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य को भी लाभ होता है। यह मधुमेह जैसी सामान्य और पुरानी बीमारी के इलाज के लिए भी उपयोगी है। जी हां, योग विज्ञान में कुछ ऐसे आसन हैं, जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही यह हृदय रोग जैसी बीमारियों के जोखिम को भी कम कर सकते हैं। आइए आज मधुमेह से राहत पाने के लिए 5 योगासन जानते हैं।
पश्चिमोत्तानासन
इस योगासन के लिए सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाकर दोनों पैरों को आपस में सटाते हुए आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं। अब दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। सिर को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगुठों को पकड़ने की कोशिश करें। इसके बाद कुछ सेकंड तक इस मुद्रा में बने रहें और फिर सामान्य हो जाएं।
अधोमुख श्वानासन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब सामने की तरफ झुकते हुए दोनों हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। योग के इस आसन में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर रखें और शरीर का आकार 'V' जैसे नजर आना चाहिए।
बालासन
यह आसन आपको आराम देता है और शरीर में इंसुलिन उत्पादक बीटा कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ावा देता है। सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस स्थिति में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और सीना जांघों पर रहेगा। कुछ देर बाद धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
हलासन
हलासन के लिए सबसे पहले मैट बिछाकर पीठ के बल सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें। अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा ही रखें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
धनुरासन
धनुरासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों घुटनों को अपनी पीठ की तरफ मोड़ें और हाथों से टखनों को पकड़ने की कोशिश करें। इसके बाद सांस लेते हुए अपने पूरे शरीर को इस प्रकार ऊपर उठाने की कोशिश करें कि शरीर का आकार धनुष के समान लगे। यह मुद्रा इंसुलिन पैदा करने वाले अंगों को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करती है।