हलासन: स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है यह योगासन, जानिये इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
बिगड़ी जीवनशैली शरीर को कई बीमारियों का घर बना सकती है और इन बीमारियों से बचने के लिए न सिर्फ दिनचर्या को ठीक करने की जरूरत होती है, बल्कि योग भी एक कारगर उपाय है।
ऐसे कई योगासन हैं जिनका नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। इन्हीं योगासनों में से एक है हलासन, जिसका नियमित अभ्यास स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
चलिए फिर हलासन से जुड़ी अहम बातें जानते हैं।
अभ्यास
हलासन करने का तरीका
सबसे पहले चिटाई बिछाकर पीठ के बल सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें।
अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए टांगों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा ही रखें।
इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
सावधानियां
हलासन करते समय बरतें ये सावधानियां
1) अगर कंधे, भुजाओं, कमर, सिर, पेट या गर्दन में दर्द हो तो इस योगासन का अभ्यास करने से बचें।
2) अगर शरीर में कमजोरी, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग या रीढ़ की हड्डी की समस्या आदि से ग्रस्त हैं तो इस योगासन का अभ्यास न करें क्योंकि इससे आपकी समस्या काफी बढ़ सकती है।
3) 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और गर्भवती महिलाओं को भी इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
फायदे
हलासन के रोजाना अभ्यास से मिलने वाले फायदे
अगर आप रोजाना हलासन का अभ्यास करते हैं तो इससे आपके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
उदाहरण के लिए इसके अभ्यास से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और मेटाबॉलिज्म को आराम मिलता है जिससे पाचन तंत्र की कार्यक्षमता बेहतर होती है। इसके अतिरिक्त इससे वजन नियंत्रित करने में भी काफी सहायता मिलती है।
यह योगासन तनाव जैसी मानसिक समस्याओं से राहत दिलाने में भी कारगर हो सकता है।
महत्वपूर्ण टिप्स
हलासन के अभ्यास से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टिप्स
1) इस योगासन का अभ्यास सुबह के समय खाली पेट और ढीले-ढाले कपड़े पहनकर ही करें।
2) संभव हो सके तो किसी योग शिक्षक की निगरानी में इसका अभ्यास करें।
3) अभ्यास के दौरान शरीर का पूरा भार सिर्फ कंधे पर न डालें और बाहों और हथेलियों पर भी वजन रखें।
4) इस मुद्रा का अभ्यास करने के बाद सामान्य अवस्था में धीरे-धीरे आएं ताकि शरीर के किसी भी हिस्से को झटका न लगे।