नीरव मोदी के प्रत्यर्पण में मिली एक और सफलता, ब्रिटेन के गृह मंत्री ने दी मंजूरी
भगोड़े हीरा काराबोरी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में शुक्रवार को भारत को एक और सफलता मिली है। भारत की प्रत्यर्पण की मांग पर ब्रिटेन की गृह मंत्री ने सहमति जताते हुए इसे मंजूरी दे दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। हालांकि, इसके बाद भी नीरव मोदी के पास प्रत्यर्पण से बचने के लिए अभी कई विकल्प है। ऐसे में अभी भी उसके भारत प्रत्यपर्ण में लंबा समय खिंच सकता है।
नीरव मोदी पर क्या आरोप हैं?
हीरा व्यापारी नीरव मोदी ने अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए PNB समेत कई बैंकों से कर्ज लिया था और बाद में इसे चुकाया नहीं। इस तरह से उन्होंने बैंकों को लगभग 14,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया था और इसे PNB घोटाले के नाम से जाना जाता है। यह घोटाले सामने आने से पहले ही वह मार्च, 2019 में भारत छोड़कर भाग गया था और इंग्लैंड में रहने लगा था।
फरवरी में ब्रिटेन की कोर्ट ने दी प्रत्यर्पण को मंजूरी
बता दें कि 25 फरवरी को वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने भी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के मामले में उनके खिलाफ और भारत सरकर के समर्थन में फैसला सुनाया। उस दौरान नीरव के वकीलों ने कहा कि भारतीय जेलों की हालत सही नहीं है, जिस वजह से वहां पर उसे सही सुविधाएं नहीं मिल पाएंगी। हालांकि, अदालत ने सभी दलीलों को खारिज कर दिया और साथ ही उम्मीद जताई कि भारत की जेल में भी उसका बेहतर ख्याल रखा जाएगा।
ब्रिटेन की गृह मंत्री ने प्रत्यर्पण के प्रस्ताव पर किए हस्ताक्षर
नीरव के प्रत्यपर्ण की मंजूरी के बाद कोर्ट ने फाइल गृह मंत्रालय को को भेज दी थी। ब्रिटेन प्रशासन के नियमों के मुताबिक जब कोई न्यायालय लंदन में पकड़े गए किसी बाहरी देश के नागरिक को उसे उसके देश वापस प्रत्यर्पण करने का आदेश देता है तो उस फाइल पर 28 दिनों में इंग्लैंड के गृह मंत्रालय की मुहर लगना जरूरी होता है। ऐसे में ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने नीरव के प्रत्यपर्ण पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
अभी लंबा है नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता
ब्रिटेन की गृह मंत्री की मंजूरी के बावजूद अभी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता पूरी तरह से साफ नहीं हुआ है और अभी प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया का शुरूआती चरण ही पूरा हुआ है। नीरव इस फैसले के खिलाफ इंग्लैंड की हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है। यदि यहां से भी उसके खिलाफ फैसला आता है, तभी उसका भारत प्रत्यर्पण किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में लंबा समय लग सकता है।
भारत की मांग पर 19 मार्च, 2019 को गिरफ्तार हुआ था नीरव मोदी
भारत की प्रत्यर्पण की मांग पर नीरव मोदी को 19 मार्च, 2019 को लंदन में गिरफ्तार किया गया था। ब्रिटेन के तत्कालीन गृह मंत्री साजिद जावेद ने भारत की इस मांग पर मुहर लगाई थी जिसके बाद वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने 13 मार्च को उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इससे पहले उसे लंदन की सड़कों पर घूमते देखा गया था और पाया गया था कि वह अभी भी हीरो का कारोबार कर रहा है।
कई बार खारिज हो चुकी है नीरव मोदी की जमानत याचिका
अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही नीरव मोदी वैंड्सवॉर्थ जेल में बंद है और इस बीच वह कई बार वेस्टमिंस्टर कोर्ट और हाई कोर्ट में जमानत की याचिका डाल चुका है। हालांकि कोर्ट ने हर बार उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को धमका चुका है और आगे भी ऐसा कर सकता है। कोर्ट ने जमानत मिलने पर उसके देश से भागने की आशंका भी जताई।