महाकुंभ: कोरोना संक्रमण से बड़े साधु की मौत, निरंजनी अखाड़े ने किया बाहर होने का ऐलान
हरिद्वार के महाकुंभ मेला में हिस्सा लेने वाले एक बड़े साधु की गुरूवार को कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हो गई है। मध्य प्रदेश के निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव दास को इसी हफ्ते कोरोना से संक्रमित पाया गया था और उनका देहरादून के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे 65 साल के थे। इस बीच कोरोना के प्रकोप को देखते हुए दूसरे सबसे बड़े अखाड़े ने मेले से बाहर होने का फैसला लिया है।
अब तक 80 साधु और 2,000 लोग पाए गए संक्रमित
कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर के बीच हो रहे कुंभ मेले में अब तक 80 साधुओं को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है। इसके अलावा मेला सोमवार से अब तक लगभग 2,000 लोगों को भी कोरोना संक्रमित पाया जा चुका है। संक्रमण के प्रसार को देखते हुए मेले में टेस्टिंग बढ़ाई गई है और अधिकारी सख्ती से नियमों का लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि भीड़ के कारण उन्हें बहुत मुश्किलें आ रही हैं।
निरंजनी अखाड़े ने किया मेले से बाहर निकलने का ऐलान
कोरोना वायरस के इसी प्रसार को देखते हुए निरंजनी अखाड़े ने कुंभ मेले से बाहर होने का फैसला लिया है। अपने सभी साधु-संतों और भक्तों से मेला छोड़ने की अपील करते हुए अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने कहा कि वे 27 अप्रैल को अगले शाही स्नान में हिस्सा नहीं लेंगे और उनके लिए कुंभ खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि उनके कैंप में ज्यादातर साधुओं और श्रद्धालुओं में कोविड जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
महामारी के बीच कुंभ को जारी रखने की हो रही तीखी आलोचना
बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी और बेहद भयंकर लहर के बीच भी कुंभ को जारी रखने की काफी आलोचना हो रही है और आलोचकों का कहना है कि यह संक्रमण का सुपर-स्प्रेडर साबित हो सकता है। 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या और 14 अप्रैल को मेष संक्रांति के अवसर पर आयोजित अंतिम दो शाही स्नान में 48.51 लाख लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। जनवरी से कुल 2.5 करोड़ लोग यहां आ चुके हैं।
नियमों का भी नहीं हो पा रहा पालन, बिना मास्क घूम रहे लोग
कुंभ में कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों का भी सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा है। लाखों की भीड़ के कारण यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन लगभग असंभव है और ज्यादातर लोग बिना मास्क के ही घूम रहे हैं। पुलिस अधिकारी संजय गुंजयाल ने कहा कि छोटे घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने के लिए लोगों पर जुर्माना लगाया जा रहा है, लेकिन मुख्य घाटों पर लोगों पर जुर्माना लगाना बहुत कठिन हैं।
महामारी के कारण मेले में लागू की गई हैं कई पाबंदियां
हर 12 साल पर होने वाला महाकुंभ मेला इस बार कोरोना महामारी के बीच असाधारण परिस्थितियों में हो रहा है। इस कारण मेले की अवधि को कम करके 1 से 30 अप्रैल तक किया गया है। मेले में आने वाले लोगों के लिए कोरोना वायरस की नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट और मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। टेस्ट रिपोर्ट अधिकतम 72 घंटे पहले की होनी चाहिए। लेकिन इन नियमों के पालन में ढिलाई बरती जा रही है।