नीरव मोदी का भारत लौटने से इनकार, कहा- मेरी जान को खतरा
भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने सुरक्षा वजहों का हवाला देते हुए भारत लौटने से इनकार कर दिया है। उसने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को ईमेल भेजकर कहा है कि उसकी जान को खतरा है, इसलिए वह भारत नहीं आ सकता। नीरव ने लिखा कि उसके पूर्व कर्मचारियों (जिनका वेतन बाकी है), ग्राहकों और मकान मालिकों की तरफ से उसे धमकी मिली है। उसने कहा कि इतनी धमकियों के बाद वह भारत नहीं लौट सकता।
मेहुल चोकसी ने भी बताया था जान का खतरा
नीरव के वकील ने कोर्ट में कहा कि लोगों ने उनके पुतले जलाए हैं और भारत में मॉब-लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं की वजह से नीरव भारत नहीं आना चाहते। वकील ने कोर्ट से कहा कि देश में पिछले कुछ समय से भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। बता दें, इससे पहले PNB घोटाले में हिस्सेदार गीतांजलि समूह के चेयरमैन और नीरव के मामा मेहुल चोकसी ने भी लिंचिंग के डर से भारत वापिस लौटने से मना कर दिया था।
गैर-जमानती वारंट हुआ था जारी
ED ने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी समेत अन्य लोगों पर फरवरी 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट के तहत CBI द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर मामला दर्ज किया था। बता दें कि ED ने नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ 24 मई और 26 मई को आरोप पत्र दाखिल किए थे। इसके बाद दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया। इंटरपोल ने भी दोनों आरोपियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है।
नीरव मोदी की संपत्ति जब्त
ED ने पंजाब नेशनल बैंक में Rs. 13,000 करोड़ की धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपी नीरव की अभी तक Rs. 4,800 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर ली है। इनमे से कुछ संपत्तियां विदेशो मे भी जब्त की गई हैं जिनमें आभूषण, फ्लैट और बैंक बैलेंस आदि शामिल हैं। ऐसे बेहद कम मामले हैं, जिनमें भारतीय एजेंसियों ने विदेश में संपत्तियां जब्त की हैं। ED ने कहा कि इन संपत्तियों को 'धन शोधन निवारण अधिनियम' के तहत जब्त किया गया है।
क्या था पंजाब नेशनल बैंक में घोटाले का मामला
PNB के कुछ अधिकारियों ने धोखाधड़ी से नीरव मोदी से जुडी कंपनीओ को 'लेटर ऑफ अंडरटेकिंग' दिया। नीरव से जुड़ी तीन कंपनीओ ने बैंक को संपर्क कर बायर्स क्रेडिट की मांग की जिससे वे अपने विदेश के कारोबारियों को भुगतान कर सकें। इन कंपनीओ को बैंक के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से बायर्स क्रेडिट प्रदान की गई, जबकि उनका कोई पुराना बेहतर क्रेडिट रिकॉर्ड नहीं था। बता दें यह पूरा मामला इस साल की शुरुआत में सामने आया था।