रूस: राष्ट्रपति पुतिन को कोरोना वायरस से बचाने के लिए लगाई गई डिसइंफेक्शन टनल
दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं में शामिल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए उनके घर के बाहर डिसइंफेक्शन (कीटाणुनाशक) टनल बनाई गई है। रूस की राजधानी मॉस्को स्थित उनके घर आने वाले हर व्यक्ति को इस टनल से होकर गुजरना होता है। रूसी सरकार के नियंत्रण वाली RIA न्यूज एजेंसी ने मंगलवार को इससे संबंधित रिपोर्ट प्रकाशित की है। न्यूज एजेंसी ने टनल का एक वीडियो भी प्रकाशित किया है।
आंगतुक के कपड़ों और अन्य बाहरी अंगों पर छिड़का जाता है डिसइंफेक्टेंट
RIA की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के पेंजा की एक कंपनी ने ये विशेष टनल बनाई है और इसे मॉस्को में पुतिन के आधिकारिक नोवो-ओगार्योवो आवास के बाहर लगाया गया है। पुतिन बाहर से आने वाले लोगों से इसी आवास पर मुलाकात करते हैं। एजेंसी के अनुसार, टनल में डिसइंफेक्टेंट के "बादल" जैसे होते हैं जो आगंतुकों के कपड़ों, गर्दन, चेहरा और हाथों आदि को ढक लेते हैं। इससे अगर उनके ऊपर मौजूद सभी कीटाणु मर जाते हैं।
न्यूज एजेंसी ने प्रकाशित किया टनल का वीडियो
RIA ने टनल के नमूने के तौर पर एक वीडियो फुटेज भी प्रकाशित की है। इस फुटेज में मास्क पहने लोगों को टनल से गुजरते हुए देखा जा सकता है और छत और किनारों से उनके ऊपर डिसइंफेक्टेंट छिड़का जा रहा है। बता दें कि पुतिन से मिलने आने वाले लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट भी किया जाता है। उनके प्रवक्ता डिमित्री पेस्कोव ने अप्रैल में ये जानकारी दी थी। हालांकि एक महीने बाद पेस्कोव खुद संक्रमित पाए गए।
तीसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है रूस
पुतिन के लिए ये टनल ऐसे समय पर बनाई गई है जब रूस में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है और ये दुनिया का तीसरा सबसे अधिक प्रभावित देश बना हुआ है। 'जॉन हॉपकिंग्स यूनिवर्सिटी' के अनुसार, रूस में अब तक 5,44,725 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 7,274 लोगों की मौत हुई है। मृत्यु दर कम रखने के लिए उसकी तारीफ हो रही है, हालांकि उसके आंकड़ों पर सवाल भी उठ रहे हैं।
किसी को नहीं बख्शता कोरोना वायरस
बता दें कि दुनियाभर में COVID-19 बीमारी फैला रहा कोरोना वायरस एक नॉवेल वायरस है। नॉवेल का मतलब नया होता है और ऐसे वायरसों के खिलाफ दुनियाभर में किसी के पास इम्युनिटी नहीं होती। यही कारण है कि दुनियाभर के सबसे शक्तिशाली लोग भी इससे सुरक्षित नहीं हैं। ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स से लेकर यूनाइटेड किंगडम (UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन तक, कई प्रभावशाली लोग कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हो चुके हैं।