
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष उपलब्धि को संसद में किया गया सम्मानित
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के हालिया अंतरिक्ष मिशन को लेकर सोमवार (18 अगस्त) को संसद में विशेष चर्चा हुई। सांसदों ने उनके साहस और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि शुक्ला ने देश का नाम रोशन किया है। नई दिल्ली लौटने के एक दिन बाद हुई इस चर्चा में विपक्षी दलों की अनुपस्थिति रही, लेकिन माहौल में गर्व और उत्साह साफ झलक रहा था। इस दौर उपस्थित सभी सांसदों ने शुक्ला को राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बताया।
नेतृत्व
डॉ. जितेंद्र सिंह ने चर्चा का किया नेतृत्व
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने चर्चा का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष की अनुपस्थिति निराशाजनक है और इसे शुक्ला जैसे अंतरिक्ष यात्री के प्रति सम्मान की कमी माना जाएगा। सिंह ने कहा कि भारत आज जश्न मना रहा है और हर बच्चा शुभांशु बनने का सपना देख रहा है। उन्होंने इस मिशन को भारत की बढ़ती वैज्ञानिक क्षमता और वैश्विक पहचान का प्रतीक बताया।
अहमियत
एक्सिओम-4 मिशन की अहमियत
सांसदों ने एक्सिओम-4 मिशन को भारतीय अंतरिक्ष यात्रा का नया अध्याय बताया। उनका कहना था कि इस मिशन से भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है। शुक्ला का यह प्रयास गगनयान मिशन की दिशा में बड़ा कदम माना गया। सांसदों ने कहा कि इस मिशन ने न केवल विज्ञान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया बल्कि युवाओं को भी अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने की प्रेरणा दी है।
अन्य
चंद्रयान-4 का भी जिक्र
इस दौरान चंद्रयान-4 की तैयारियों का भी जिक्र हुआ और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रयासों की सराहना की गई। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कार्यवाही का बहिष्कार किया, लेकिन सोशल मीडिया पर शुक्ला की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि शुक्ला का मिशन भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान महत्वाकांक्षाओं के लिए बड़ा मील का पत्थर है। थरूर ने इसे गगनयान की दिशा में सीधा कदम बताया और कहा कि इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए।