इंग्लैंड के कोर्ट ने दी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी
क्या है खबर?
इंग्लैंड की एक कोर्ट ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने मामले में उनके खिलाफ और भारत सरकर के समर्थन में फैसला सुनाया।
मोदी पर भारत में 14,000 करोड़ रुपये का पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाला करने का आरोप है और इस घोटाले में उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग समेत कई मामले चल रहे हैं।
कोर्ट ने माना है कि इनकी जांच के लिए मोदी का भारत प्रत्यर्पण जरूरी है।
फैसला
जज ने कहा- घोटाले में नीरव मोदी के दोषी होने के पर्याप्त सबूत
मामले में अपना फैसला सुनाते हुए जिला जज सैमुएल गूजी ने कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि नीरव मोदी PNB घोटाले में दोषी हो सकता है। उन्होंने कहा कि मोदी और बैंक के अधिकारियों समेत अन्य आरोपियों के बीच साफ संबंध हैं।
उन्होंने कहा, "मैं यह स्वीकार नहीं करता कि नीरव मोदी वैध कारोबार कर रहा था। मुझे कोई वास्तविक लेनदेन नहीं मिला और मैं मानता हूं कि मामले में बेईमानी हुई है।"
फैसला
भारत सरकार की दलीलों से संतुष्ट- जज
जज ने आगे कहा, "इनमें से कई चीजें भारत में जांच का विषय हैं। मैं संतुष्ट हूं कि इस बात के सबूत है कि वह दोषी हो सकता है। प्रथमदृष्टया यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है।"
उन्होंने कहा कि भारत से उन्हें 16 वॉल्यूम के सबूत मिले हैं और वह भारत सरकार की दलीलों को स्वीकार करते हैं।
उन्होंने कहा कि इस बात के भी कोई सबूत नहीं हैं कि भारत प्रत्यर्पण पर नीरव मोदी को न्याय नहीं मिलेगा।
दलील
मोदी के पक्ष ने प्रत्यर्पण के खिलाफ दी थीं ये दलीलें
इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान नीरव मोदी के वकीलों ने उनके भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ कई दलीलें पेश कीं। इस दौरान वकीलों ने उसके मानसिक स्वास्थ्य और उसके परिवार में डिप्रेशन और सुसाइड के इतिहास का भी हवाला दिया। उन्होंने मुंबई की जिस आर्थर जेल में नीरव मोदी को रखा जाना है, वहां की दशा खराब होने की बात भी कही।
हालांकि कोर्ट ने इनमें से किसी दलील को स्वीकार नहीं किया और प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी।
PNB घोटाला
नीरव मोदी पर क्या आरोप हैं?
हीरा व्यापारी नीरव मोदी ने अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए PNB समेत कई बैंकों से कर्ज लिया था और बाद में इसे चुकाया नहीं। इस तरह से उन्होंने बैंकों को लगभग 14,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया था और इसे PNB घोटाले के नाम से जाना जाता है।
यह घोटाले सामने आने से पहले ही वह मार्च, 2019 में भारत छोड़कर भाग गया था और इंग्लैंड में रहने लगा था।
गिरफ्तारी
भारत की मांग पर 19 मार्च, 2019 को गिरफ्तार हुआ नीरव मोदी
भारत की प्रत्यर्पण की मांग पर नीरव मोदी को 19 मार्च, 2019 को लंदन में गिरफ्तार किया गया था। ब्रिटेन के तत्कालीन गृह मंत्री साजिद जावेद ने भारत की इस मांग पर मुहर लगाई थी जिसके बाद वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने 13 मार्च को उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
इससे पहले उसे लंदन की सड़कों पर घूमते देखा गया था और पाया गया था कि वह अभी भी हीरो का कारोबार कर रहा है।
जमानत याचिका
कई बार खारिज हो चुकी है नीरव मोदी की जमानत याचिका
अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही नीरव मोदी वैंड्सवॉर्थ जेल में बंद है और इस बीच वह कई बार वेस्टमिंस्टर कोर्ट और हाई कोर्ट में जमानत की याचिका डाल चुका है।
हालांकि कोर्ट ने हर बार उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को धमका चुका है और आगे भी ऐसा कर सकता है। कोर्ट ने जमानत मिलने पर उसके देश से भागने की आशंका भी जताई।
प्रक्रिया
अब आगे क्या?
वेस्टिमिंस्टर कोर्ट के इस फैसले के बावजूद अभी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता पूरी तरह से साफ नहीं हुआ है और अभी प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया का शुरूआती चरण ही पूरा हुआ है।
मोदी इस फैसले के खिलाफ इंग्लैंड की हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है। अगर यहां से भी उसके खिलाफ फैसला आता है, तभी उसका भारत प्रत्यर्पण किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में लंबा समय लग सकता है।