आंदोलन में शामिल होने पंजाब से दिल्ली आएंगी लगभग 40,000 महिलाएं- किसान संगठन
दिल्ली के बॉर्डर पर चले रहे किसान आंदोलन में अब महिला प्रदर्शनकारियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। किसान संगठनों का दावा है कि 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से लगभग 40,000 महिलाएं दिल्ली में जारी आंदोलन में शामिल होंगी। इनमें से अधिकतर रविवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी हैं। वहीं कुछ आज शाम तक रवाना होकर कल सुबह से पहले दिल्ली पहुंच जाएंगी।
क्यों प्रदर्शन कर रहे किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।
किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे
पंजाब में कई दिनों के प्रदर्शन के बाद 26 नवंबर, 2020 को हजारों की संख्या में किसान दिल्ली आए थे। 6 मार्च को इस आंदोलन को 100 दिन पूरे हो गए। किसानों की मांग है कि जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि वह इन कानूनों में सुधार और इनके अमल पर रोक लगाने को तैयार है, लेकिन इन्हें वापस नहीं लिया जाएगा।
पंजाब में निकाले जा रहे ट्रैक्टर मार्च
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, किसान आंदोलन में महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए पंजाब के कई जिलों में ट्रैक्टर मार्च निकाले जा रहे हैं। इनमें से कई जगहों पर महिलाएं ही ट्रैक्टर चलाकर दूसरी महिलाओं को अपने साथ जोड़ रही हैं।
महिला दिवस पर महिलाएं संभालेंगी आंदोलन की बागडोर
भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के महिला मोर्चा की प्रदेश समिति की सदस्या बलबीर कौर ने बताया, "अभी बड़ी संख्या में महिलाएं अपने बच्चों की परीक्षाओं के चलते व्यस्त हैं। इसलिए इनमें से कुछ 9 मार्च को दिल्ली से वापस लौट आएंगी और कुछ वहीं रुक जाएंगी।" किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन केवल महिलाएं ही आंदोलन की बागडोर संभालेंगी। मंच पर केवल महिलाओं को ही जगह दी जाएगी।
पंजाब से जाएंगे सैकड़ों वाहन
संख्या के हिसाब से भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के महिला मोर्चे में सदस्यों की संख्या सबसे ज्यादा है। इस संगठन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि पंजाब से महिलाएं 500 बसों, 600 मिनी बसों, 115 ट्रक और 200 छोटे वाहनों में सवार होकर दिल्ली जाएंगी। इनमें से हजारों टिकरी बॉर्डर पर पहुंचेंगी और महिला दिवस पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी।
सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी
सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला है। किसानों ने मांगों को लेकर 26 जनवरी ट्रैक्टर परेड निकाली थी, जिसमें जमकर हिंसा हुई। इसके बाद आंदोलन कमजोर होता दिख रहा था, लेकिन राकेश टिकैत की भावुक अपील ने इसमें फिर जान फूंक दी। आप यहां टैप कर जान सकते हैं कि बीते 100 दिनों में यह आंदोलन किन पड़ावों से होकर गुजरा है।