भारत-पाक सीमा पर दिखा पाकिस्तानी ड्रोन, भारतीय सेना ने भगाया; 11 हैंड ग्रेनेड मिले
क्या है खबर?
भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
सीमा पर घुसपैठ में लगातार नाकामी मिलने के बाद पाकिस्तान अब देश में हथियार पहुंचाने के लिए ड्रोन का सहारा ले रहा है।
शनिवार को भी पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए दोरांगला क्षेत्र में ग्रेनेड गिराए। हालांकि, सेना ने फायरिंग कर ड्रोन को वापस भेज दिया। इस दौरान मौके से पाकिस्तान निर्मित 11 हैंड ग्रेनेड भी बरामद हुए हैं।
प्रकरण
दोरांगला की BOP चक्री पोस्ट के करीब नजर आया था ड्रोन
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात को गुरदासपुर में भारत-पाक सीमा के करीब दोरांगला की BOP चक्री पोस्ट पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) जवानों ने एक ड्रोन नजर आया था।
BSF जवानों ने 18 राउंड फायरिंग कर उसे वापस भेज दिया। इसके बाद पूरे क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया गया, जिसमें सलाच गांव के पास एक खेत में पाकिस्तान निर्मित 11 हैंड ग्रेनेड पड़े मिल गए।
निर्माण
रावलपिंडी के आयुध कारखाने में तैयार किए गए हैं ग्रेनेड
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी ग्रेनेड एक प्लास्टिक के बॉक्स में पैक थे। उन पर अर्गेज टाइप HG-84 सीरीज लिखा हुआ है।
इन ग्रेनेड के पाकिस्तान के रावालपिंडी स्थित किसी आयुध कारखाने में तैयार किए जाने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ओर से पिछले 15 महीनों में ड्रोन के जरिए सीमा पार हथियार गिराने की यह आठवीं घटना है। इससे साफ जाहिर है कि पाकिस्तान देश में बड़े हमले की योजना बना रहा है।
घातक
बेहद घातक होते हैं अर्गेज टाइप HG-84 सीरीज के ग्रेनेड
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अर्गेज टाइप HG-84 सीरीज के ग्रेनेड कम दूरी पर विरोधियों को मारने के लिए काम लिए जाते हैं। इसके धमाके के बाद इसके फैलाव क्षेत्र में आसान लक्ष्यों को भारी नुकसान होता है।धमाके के बाद इसके छर्रे करीब 30 मीटर तक मार करते हैं।
उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई फर्म द्वारा निर्मित अर्गेज ग्रेनेडों का भारत में 1993 मुंबई ब्लास्ट, 2001 ससंद हमला और 2008 मुंबई हमलों में इस्तेमाल किया गया था।
सूचना
खूफिया एजेंसियों की सूचना के बाद अलर्ट पर है सेना
पुलिस अधिकारी ने बताया कि खूफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस द्वारा हथियार भेजने के लिए चीन से उन्नत किस्म के ड्रोन खरीदने की जानकारी दी थी। उसके बाद से ही सेना अलर्ट पर है और सीमा पर सघन तलाशी अभियान चला रही है।
उन्होंने ड्रोन से हथियार भेजने का सिलसिला 19 अगस्त, 2019 को शुरू हुआ था। उस दौरान सेना ने उसे मार गिराया था और उसके द्वारा लाए गए हथियान और जाली नोट बरामद किए थे।
जानकारी
लंबे समय तक ड्रोन का इस्तेमाल कर सकते हैं आतंकवादी संगठन
इधर, दिल्ली में आतंकवादी रोधी अधिकारियों का कहना है कि आतंकी संगठन और ISIS हथियार भेजने के लिए लंबे समय तक ड्रोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। वर्तमान में उन्नत किस्म के ड्रोनों ने सेना और सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है।
अभियान
पूरे इलाके में चलाया जा रहा है तलाशी अभियान
पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक खेत में पाकिस्तान निर्मित 11 हैंड ग्रेनेड मिलने के बाद सेना और पुलिस ने संयुक्त रूप से पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
स्थानीय लोगों को भी सीमा से सटे इलाकों में जाने से रोका गया है। पूरे इलाके की तलाशी के बाद ही लोगों को आवागमन की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि ड्रोन द्वारा अन्य जगहों पर हथियार गिराए जाने की संभावना के चलते तैनाती बढ़ा दी गई है।