सोमवार को भूख हड़ताल पर किसान, 25-27 दिसंबर तक हरियाणा के टोल नाके फ्री करेंगे
क्या है खबर?
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने कल से सभी धरना स्थलों पर 24 घंटे की क्रमिक भूख हड़ताल करने का ऐलान किया है।
साथ ही किसानों ने कहा है कि वो 25-27 दिसंबर तक हरियाणा के सभी टोल नाकों को फ्री कर देंगे। दो दिनों तक हरियाणा के नाकों पर टोल नहीं वसूलने दिया जाएगा।
पंजाब में पहले से ही कई नाकों पर टोल की वसूली नहीं हो रही है।
कृषि कानून
आंदोलन तेज कर रहे हैं किसान
हरियाणा, पंजाब और राजस्थान समेत कई राज्यों के किसान पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के बॉर्डरों पर डटे हुए हैं।
सरकार के साथ बातचीत में समाधान न निकलता देख किसानों ने प्रदर्शन तेज करने का ऐलान किया था। इसके तहत अलग-अलग तरीकों से सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर के अलावा आसपास के भी कई इलाकों में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है।
अपील
'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान थाली बजायें लोग- किसान नेता
रविवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह डालेवाला ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के दौरान वो किसानों के समर्थन में अपने घरों में थाली बजाएं।
उन्होंने कहा, "मैं सब लोगों से कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के बोलने तक अपने घरों में थाली बजाने की अपील करता हूं।"
उन्होंने यह भी कहा कि 25-27 दिसंबर तक हरियाणा के सभी टोल नाके फ्री रहेंगे।
जानकारी
24 घंटे की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे किसान
योगेंद्र यादव ने कहा है कि वे किसान आंदोलन के समर्थन में क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने कहा, "हम लोगों ने फैसला किया है कि सभी प्रदर्शन स्थलों पर कल से 24 घंटों का क्रमिक भूख हड़ताल करने जा रहे हैं।"
अपील
किसानों के समर्थन में एक समय भोजन करने की अपील
किसान नेताओं ने लोगोें से किसानों के समर्थन में एक समय का भोजन ग्रहण करने की भी अपील की है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, "जब तक बिल वापिस नहीं होगा, MSP पर कानून नहीं बनेगा तब तक किसान यहां से नहीं जाएंगे। 23 तारीख को किसान दिवस के मौके पर किसान आप से कह रहे हैं कि एक समय का भोजन ग्रहण न करें और किसान आंदोलन को याद करें।"
किसान आंदोलन
किसानों ने मनाया श्रद्धांजलि दिवस
इससे पहले किसानों ने प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों की याद में 20 दिसंबर को 'श्रद्धांजलि दिवस' के तौर पर मनाया था। अलग-अलग प्रदर्शन स्थलों पर जान गंवाने वाले किसानों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई थी। बताया जा रहा है कि अभी तक प्रदर्शन में शामिल कम से कम 20 किसान ठंड, बीमारी समेत अन्य कारणों से मारे जा चुके हैं।
किसानों की याद में रविवार शाम को मोमबत्तियां भी जलाई गईं।
जानकारी
किसानों से मुलाकात करेंगे कृषि मंत्री
किसानों के इन ऐलानों के बीच यह भी खबर आई है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि आंदोलन को खत्म कराने के लिए तोमर किसानों से मुलाकात करेंगे।
कृषि कानून
सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बरकरार
इन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई महीने से सड़कों पर हैं और 26 नवंबर से दिल्ली के आसपास डटे हुए हैं।
किसानों और सरकार के बीच कई बैठकें भी हो चुकी है, लेकिन इनमें समाधान का कोई रास्ता नहीं निकला है।
सरकार कानूनों में संशोधन की बात कह रही है, लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और वे कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
विरोध की वजह
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।