किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे, किसानों ने ब्लॉक किया एक्सप्रेस-वे
क्या है खबर?
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को आज 100 दिन पूरे हो गए हैं।
किसानों ने आज के दिन को 'काला दिवस' मनाते हुए कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (KGP) एक्सप्रेस-वे बाधित किया है।
योजना के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे को सुबह 11 से शाम 4 बजे तक बंद किया जाना था, लेकिन किसान सुबह से ही यहां पहुंच गए और धरना शुरू कर दिया।
इसके चलते कई जगहों पर ट्रैफिक को डायवर्ट किया जा रहा है।
पृष्ठभूमि
क्यों प्रदर्शन कर रहे किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है।
इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।
किसान आंदोलन
नवंबर के आखिरी हफ्ते दिल्ली आए थे किसान
नवंबर के आखिरी हफ्ते में किसान पंजाब और हरियाणा के किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली आए थे।
पुलिस ने उन्हें दिल्ली के भीतर प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी, जिसके बाद हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठ गए।
पिछले 100 दिनों में कई अन्य राज्यों के किसान भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं।
ट्रैफिक ब्लॉक
जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों को नहीं रोका जाएगा
किसानों ने कहा है कि शनिवार को पांच घंटे के ट्रैफिक ब्लॉक के दौरान सेना, पुलिस, डाक, स्कूल बस, दमकल और स्कूली बसों आदि को नहीं रोका जाएगा। इसके अलावा अन्य जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों को भी बिना परेशानी गुजरने दिया जाएगा।
दूसरी तरफ पुलिस ने ब्लॉक को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। साथ ही कई जगहों पर रूट डायवर्ट करने का ऐलान किया है। भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई है।
जानकारी
सोशल मीडिया पर नजर रख रही पुलिस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस सोशल मीडिया पर उन पोस्ट पर नजर रख रही है, जिनमें रास्ते जाम करवाने की अपील की जाएगी। कानून-व्यवस्था खराब करने वाली पोस्ट पर निगरानी के लिए विशेष टीम तैनात की गई है।
बयान
मांगें पूरी होने पर खुद हट जाएगा किसान- टिकैत
दूसरी तरफ टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन लंबा चलने वाला है और अगर सरकार मांगें पूरी करती है तो किसान खुद चला जाएगा।
उन्होंने कहा, "हमें अपने लिए गर्मियों और बरसात के दिनों का इंतजाम करना होगा, लेकिन हम यहां से उठेंगे नहीं। सरकार ने कहा कि इन कानूनों से लाभ होगा। हमारा कहना है कि हमें उस व्यक्ति से मिला दो जो ये बता दे कि क्या फायदा होगा और कैसे होगा।"
किसान आंदोलन
किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ?
किसानों ने 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन शुरू किया था। उसके बाद सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकला।
सरकार संशोधन को तैयार है, लेकिन किसान कानून रद्द कराने पर अड़े हैं। किसानों ने मांगों को लेकर 26 जनवरी ट्रैक्टर परेड निकाली थी, जिसमें जमकर हिंसा हुई।
उसके बाद किसानों ने 6 फरवरी को चक्का जाम और 18 फरवरी को रेल रोको अभियान आयोजित किया था।