सरकार का ट्विटर को खालिस्तान और पाकिस्तान से संबंधित 1,178 अकाउंट्स ब्लॉक करने का आदेश
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी कर 1,178 अकाउंट्स को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। सरकार का आरोप है कि ये अकाउंट्स खालिस्तान समर्थकों या पाकिस्तान से संबंधित हैं और किसान आंदोलन पर भड़काऊ सामग्री साझा कर रहे हैं।
उसका मानना है कि इन अकाउंट्स की गतिविधियों से कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हो सकता है।
सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्रालय ने गृह मंत्रालय और अन्य सुरक्षा एजेंसियों से एडवाइजरी मिलने के बाद ट्विटर को ये नोटिस भेजा है।
नोटिस
IT अधिनियम की धारा 69A के तहत जारी किया गया नोटिस
सरकारी सूत्रों ने न्यूज 18 को बताया कि IT मंत्रालय ने IT अधिनियम की धारा 69A के तहत ट्विटर को ये नोटिस जारी किया है।
इस धारा के तहत सरकार देश की संप्रभुता और अखंडता, देश की सुरक्षा, विदेशी राष्ट्रों के साथ मैत्रिक संबंधों और कानून व्यवस्था के हित में या किसी दंडनीय अपराध को रोकने के लिए किसी भी इंटरनेट अकाउंट को बंद करने का आदेश जारी कर सकती है।
आरोप
सरकार का आरोप- गलत और भड़काऊ जानकारी शेयर कर रहे अकाउंट्स
एक सूत्र ने कहा, "जिन अकाउंट्स को ब्लॉक करने को कहा गया है, वे खालिस्तान समर्थकों के या पाकिस्तान समर्थित हैं और उन्हें विदेश से चलाया जा रहा है। इनमें से कई अकाउंटस् ऑटोमैटिक बॉट्स भी हैं जिनका किसान आंदोलन पर गलत और भड़काऊ सामग्री शेयर करने के लिए उपयोग किया गया।"
सरकार का मानना है कि यह ट्विटर अकाउंट्स देश के कई हिस्सों में चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर कानून व्यवस्था को खतरा पैदा कर सकते हैं।
टकराव
कुछ अन्य अकाउंट्स को अनब्लॉक करने को लेकर आमने-सामने हैं सरकार और ट्विटर
IT मंत्रालय की तरफ से ये नया नोटिस ऐसे समय पर जारी किया गया है जब अन्य कुछ अकाउंट्स को अनब्लॉक करने को लेकर सरकार और ट्विटर पहले से ही आमने-सामने हैं।
दरअसल, सरकार ने ट्विटर को #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग का प्रयोग करने के लिए किसान आंदोलन से संबंधित 257 अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया था। पहले तो ट्विटर ने इन अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया, लेकिन फिर इन्हें बिना सरकार की मंजूरी के अनब्लॉक कर दिया गया।
आमना-सामना
ट्विटर की दलीलों से संतुष्ट नहीं सरकार, कार्रवाई की चेतावनी
ट्विटर का कहना है कि इन अकाउंट्स से ट्वीट की गई सामग्री भड़काऊ बयानबाजी नहीं है और यह अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे मे आती है। यही दलील देते हुए ट्विटर ने इन अकाउंट्स को ब्लॉक करने से इनकार कर दिया है।
हालांकि ये दलील सरकार के गले नहीं उतरी है और उसने ट्विटर को नोटिस जारी कर उसके आदेश का पालन करने को कहा है। ऐसा न करने पर सात साल जेल और जुर्माने की चेतावनी दी गई है।
अन्य वजह
जैक डॉर्सी के ट्वीट लाइक करने से भी खुश नहीं है सरकार
इसके अलावा ट्विटर के संस्थापक जैक डॉर्सी के किसान आंदोलन के समर्थन में किए गए कुछ ट्वीट्स को लाइक करने से भी सरकार खुश नहीं है।
दरअसल, डॉर्सी ने किसान आंदोलन पर पॉप सिंगर रिहाना के रुख का समर्थन करने वाले कुछ ट्वीट्स को लाइक किया था। इस पर सरकार का कहना है कि जब ट्विटर का संस्थापक ही खुलेआम एक पक्ष ले रहा है तो इससे प्लेटफॉर्म की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं।