किसान आंदोलन: 6 फरवरी को दिल्ली में 'चक्का जाम' नहीं करेंगे किसान- राकेश टिकैत
क्या है खबर?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर निकली गई ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा और उत्पात के बाद धीमा पड़ा किसान आंदोलन फिर से परवान चढ़ने लगा है।
इसको लेकर किसानों ने आगामी 6 फरवरी को देशभर में तीन घंटे के 'चक्का जाम' का आह्वान किया है।
इसी बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि शनिवार को राजधानी दिल्ली में 'चक्का जाम' नहीं किया जाएगा। किसान आज भी अपनी मांग पर अड़े हैं।
प्रकरण
किसान संयुक्त मोर्चा ने किया है देशव्यापी 'चक्का जाम' का आह्वान
बता दें कि आंदोलन में तेजी लाने के लिए किसान संयुक्त मोर्चा की तरफ से गत मंगलवार को आगामी 6 फरवरी को देशव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया था।
किसान मार्चा ने कहा था प्रदर्शनकारी किसान इंटरनेट शटडाउन, प्रशासन द्वारा किसानों के उत्पीड़न और दूसरे मुद्दों के विरोध में दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक सभी नेशनल और स्टेट हाइवे को जाम करेंगे।
उस दौरान कहा गया था कि किसान कानून निरस्त कराकर ही दम लेंगे।
बयान
दिल्ली में नहीं किया जाएगा चक्का जाम- टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर पत्रकारों से कहा कि 6 फरवरी को देशभर में तीन घंटे का चक्का जाम किया जाएगा, लेकिन यह राजधानी दिल्ली में नहीं होगा।
उन्होंने आगे कहा कि चक्का जाम के दौरान जाम में फंसने वाले लोगों को किसान भोजन और पानी की व्यवस्था करेंगे। इसके अलावा लोगों को यह भी बताया जाएगा कि सरकार किसानों के साथ क्या कर रही है। देश के लोगों को सरकार की हकीकत बताई जाएगी।
बयान
हमने बोई फसल और सरकार ने लगाई कीलें- टिकैत
गाजीपुर बॉर्डर की बेरिकेडिंग से पहले पुलिस द्वारा सड़क पर लगाई गई नुकीली कीलों पर टिकैत ने कहा, "हम वहां फसल बो रहे हैं और सरकार कीलें उगा रही है।" उन्होंने कहा कि पुलिस कुछ भी कर ले, लेकिन किसान अपनी मांग पर अडिग हैं।
समर्थन
टिकैत ने किया अंतरराष्ट्रीय हस्तियों का समर्थन
किसान नेता टिकैत ने किसान आंदोलन पर अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की टिप्पणियों का जवाब देते हुए कहा, "किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले हॉलीवुड कलाकारों में कोई बुराई नहीं है। मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता, लेकिन वो बिना किसी अपेक्षा के समर्थन कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों पर किए जा रहे अत्याचार पर अंतरराष्ट्रीय नेताओं की नजर है और वह भी खुले दिल से किसानों का समर्थन कर रहे हैं।
मुद्दा
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।