किसानों की भूख हड़ताल की घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया
कृषि कानूनों के खिलाफ तेज होते प्रदर्शनों के बीच केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए न्योता भेजा है। सरकार ने किसान नेताओं से अपनी सुविधा अनुसार तारीख तय कर बातचीत के लिए विज्ञान भवन आने को कहा है। कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने क्रांतिकारी किसान संगठन के पंजाब प्रमुख डॉक्टर दर्शन पाल के नाम पर भेजे पत्र में बातचीत का न्योता दिया है। 39 अन्य संगठनों को इसकी कॉपी भेजी गई है।
पत्र में क्या कहा गया है?
सरकार की तरफ से आए इस पत्र में लिखा गया है कि किसान नेता अपनी सुविधा के अनुसार तारीख तय कर बातचीत के लिए आएं ताकि इस गतिरोध का समाधान निकल सके। यह बैठक विज्ञान भवन में होगी। अग्रवाल का यह पत्र दर्शन पाल के उस ईमेल के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने बताया था कि किसान संगठन सरकार की तरफ से कानूनों में संशोधन के लिए दिए गए प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं।
आखिरी बार 8 दिसंबर को हुई थी दोनों पक्षों के बीच बैठक
सरकार और किसानों के बीच आखिरी दौर की बातचीत 8 दिसंबर को हुई थी, जब गृह मंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों के 13 प्रतिनिधियों के साथ अनौपचारिक बैठक की थी। बैठक से अगले दिन सरकार ने कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव भेजा था, जिसे किसान संगठनों ने मानने से इनकार कर दिया। किसानों का कहना है कि तीनों कानून रद्द होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इसकी जानकारी देते हुए दर्शन पाल ने 16 दिसंबर को ईमेल भेजा था।
आज से 24 घंटे की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे किसान
किसान नेताओं ने रविवार शाम को मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि वो सोमवार से 24 घंटे की क्रमिक भूख हड़ताल शुरू करेंगे। योगेंद्र यादव ने कहा कि 11 किसान नेता हर दिन 24 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में आंदोलन कर रहे किसानों से भी भूख हड़ताल पर बैठने की अपील की है। वहीं आने वाले दिनों में किसान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेताओं से भी संपर्क करेंगे।
NDA नेताओं से मिलकर समर्थन मांगेंगे किसान
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, "हम इस हफ्ते के अंत में NDA नेताओं के घर जाकर उनसे किसान आंदोलन को समर्थन देने की मांग करेंगे। NDA नेता अपने समर्थन को लेकर जो भी कहेंगे, उसे हम जनता के सामने रखेगे।" टिकैत ने आगे कहा कि अगर ये नेता किसानों का समर्थन नहीं करते हैं तो उनका विरोध किया जाएगा। बता दें, किसान पिछले कई दिनों से अपने आंदोलन को तेज करने में जुटे हैं।
दो दिन तक फ्री किए जाएंगे हरियाणा के टोल नाके
रविवार को किसानों ने कहा कि वो 25-27 दिसंबर तक हरियाणा के सभी टोल नाकों को फ्री कर देंगे। दो दिनों तक हरियाणा के नाकों पर टोल नहीं वसूलने दिया जाएगा। पंजाब में पहले से ही कई टोल नाके फ्री हो चुके हैं।
क्या है किसानों के प्रदर्शन की वजह?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।